News: नौ राज्यों से जुड़े टैक्स चोर गिरोह का भंडाफोड़, जानिए पूरा मामला
Haryana Update. राज्य कर विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने नौ राज्यों से जुड़े इस नेटवर्क में शामिल कंपनियों को चिन्हित किया है, जिनके रजिस्ट्रेशन के लिए एक ही मोबाइल नंबर का उपयोग किया गया था।
जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह में शामिल व्यापारियों ने 95.41 करोड़ रुपये की आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) की हेराफेरी (Input tax credit fraud) की गई, जिसमें 55.12 करोड़ रुपये की कर चोरी उत्तर प्रदेश में की गई है। कर आयुक्त मिनिस्ती एस. ने कर चोरी में शालिम व्यापारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
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एसटीएफ ने फैरस/एल्यूमिनियम वेस्ट स्क्रैप, फ्वायल एंड स्ट्रिप तथा प्लास्टिक के व्यापार में संगठित रूप से हो रही कर चोरी की सूचना पर गहनता से जांच की, जिसमें पाया गया कि प्रदेश में एक ही मोबाइल नंबर पर फर्जी किरायेदारी के दस्तावेजों का प्रयोग कर 26 कंपनियों का पंजीकरण कराया गया है।
एसटीएफ के अपर कर आयुक्त, अरविंद कुमार ने बताया कि इन सभी कंपनियों के डाटा विश्लेषण में उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक व महाराष्ट्र में फर्जी आइटीसी का रैकेट सामने आया।
इस रैकेट में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत 39 व्यापारियों के अलावा दिल्ली के 50, राजस्थान के पांच, बिहार के तीन, गुजरात व महाराष्ट्र के दो-दो तथा हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व कर्नाटक के एक-एक पंजीकृत व्यापारियों की भूमिका है। कुल 105 सप्लायर ने 542.41 करोड़ रुपये का टर्नओवर पर 95.41 करोड़ रुपये की आइटीसी की हेराफेरी की गई।
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इन फर्मों के जरिए उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के 417 व्यापारियों को बोगस आइटीसी का लाभ पहुंचाया गया। कर चोरी के इस मामले में शामिल व्यापारियों के बारे में अन्य राज्यों के प्रांतीय तथा केंद्रीय जीएसटी आयुक्तों को जानकारी दी गई है।
साथ ही जोनल आयुक्तों को प्रदेश में रजिस्टर्ड तथा बोगस आइटीसी का लाभ लेने वाले 203 व्यापारियों के विरुद्ध जांच आरंभ करने का निर्देश दिया गया है। इनके द्वारा प्रदेश में 315.77 करोड़ रुपये के माल की सप्लाई पर 55.12 करोड़ रुपये की आइटीसी की चोरी की गई है।