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Trending: भारत के खिलाफ ड्रैगन की नई चाल, इंडिया को घेरने की तैयारी

Trending: Dragon's new move against India, preparing to surround India
 
Trending: भारत के खिलाफ ड्रैगन की नई चाल, इंडिया को घेरने की तैयारी

Haryana Update. China New Strategy Against India: बेशक चीन इस समय कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज आता नहीं दिख रहा. वह भारत के सभी पड़ोसी देशों को अपने जाल में फंसाकर रखना चाहता है.

 

श्रीलंका और पाकिस्तान तो पूरी तरह से उसकी जाल में फंसे ही हैं, साथ ही वह समय-समय पर नेपाल को भी साधने के प्रयास करता रहता है.

 

इसकी वजह से कई बार भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास भी देखी गई है. अब जबकि नेपाल में चुनाव होने हैं तो फिर से ड्रैगन यहां अपना प्रभाव बनाने में लग गया है.

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इस बार चीन ने नेपाल को साधने के लिए एक अलग तरह की रणनीति बनाई है. आइए आपको बताते हैं क्या है ड्रैगन की चाल.

फिर से नेपाल को साधने में जुटा

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के अध्यक्ष ली झांशु अगले हफ्ते नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंच रहे हैं.

अपने इस दौरे में झांशु नेपाल के शीर्ष नेताओं से बात करेंगे. बता दें कि ली झांशु चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग व प्रधानमंत्री ली केकियांग के बाद तीसरे सबसे बड़े नेता हैं.

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ऐसे में चीन के तीसरे सबसे बड़े नेता के नेपाल दौरे को एक्सपर्ट आम बात नहीं मान रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे ड्रैगन जरूर दूर की सोच रखता होगा.

इन खास नेताओं से होगी मुलाकात 

झांशु अपने इस दौरे पर नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मिलेंगे. इसके अलावा वह नेशनल असेंबली के अध्यक्ष गणेश प्रसाद तिमिल्सिना और विदेश मामलों के मंत्री नारायण खड़का से भी मीटिंग करेंगे. सत्तादल के साथ ही झांशु सभी विपक्षी दलों के नेताओं से मिलेंगे.

ये हो सकता है चीन का खास मिशन

झांशु वैसे तो अपने दौरे पर सबसे मिल रहे हैं, लेकिन वह ये दौरा एक खास मिशन के तहत कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरे पर वह पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष के. पी. शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री एवं सीपीएन-माओवादी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘‘प्रचंड’’ से भी मिलेंगे.

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इन दोनों ही नेताओं की अपने कार्य़काल में चीन से नजदीकियां छिपी नहीं हैं. बताया जा रहा है कि झांशु इन दोनों से अलग-अलग बैठक करेंगे और उनकी कोशिश इन दोनों के बीच समझौता कराने की है ताकि दोनों एक हो जाएं.

यहां है चीन की नजर


दरअसल, नेपाल में इसी साल 20 नवंबर को चुनाव होने हैं. ऐसे में चीन की कोशिश है कि चुनाव से पहले केपी शर्मा ओली की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) और पुष्प कमल दहल प्रचंड की माओइस्ट-सेंटर गठबंधन के बीच गठबंधन हो जाए.

गठबंधन के बाद दोनों की सरकार बनती है तो यह सरकार चीन के नजदीक रहेगी, जबकि भारत की विरोधी रहेगी. 

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