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Ban on PFI: पाँच सालों के लिए केंद्र सरकार ने किया PFI बैन, जानिए क्या थी वजह

केंद्र सरकार ने Popular front Of india (PFI) को एक गैरकानूनी संस्था घोषित कर दिया है. सरकार ने PFI पर अगले पांच सालों की अवधि के लिए Ban लगाया है.
 
पाँच सालों के लिए केंद्र सरकार ने किया PFI बैन

Haryana Update. केंद्र की ओर से लगाए गए इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है.

 

 

सरकार ने PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), Campus Front Of India (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), रिहैब फांउडेशन केरल नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन पर भी प्रतिबंध लगाया है.

सरकार के इस कदम ने साफ कर दिया है कि देश को किसी भी रूप में नुकसान पहुंचाने का इरादा रखने वाले

संगठनों को छोड़ा नहीं जाएगा.


PFI के खिलाफ कार्रवाई जारी


PFI के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंकाएं के चलते पिछले कई दिनों से Govt agences ने संस्था पर नकेल कसी हुई थी.

Ed And NIA ने देश भर में संस्था के तमाम ठिकानों पर छापे मारे, जिसको लेकर बड़े स्तर पर विरोध भी देखने को मिला. मंगलवार को भी सरकार की PFI  के खिलाफ कार्रवाई जारी रही.

कल सात राज्यों में स्थानीय पुलिस और आतंकरोधी दस्ते ने PFI से जुड़े ठिकानों पर छापा मारा और इससे जुड़े 170 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया.

pfi baned for 5 years

पूछताछ के बाद इनमें से कई को गिरफ्तार भी किया गया है. इससे पहले गुरुवार को NIA के नेतृत्व में 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापेमारी हुई थी.

PFI की छापेमारी कब से शुरू हुई थी 


PFI के खिलाफ बीते गुरुवार हुए छापेमार कार्रवाई में मिले दस्तावेजों और गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के बाद मिली जानकारी राज्यों के साथ साझा की गई. इसी के आधार पर सात राज्य - UP, Karnataka, Gujarat, Delhi, Maharashtra, Asam and Mp  में स्थानीय पुलिस और आतंकरोधी दस्ते ने सोमवार-मंगलवार आधी रात को एक साथ छापे मारे.

छापेमारी रात को लगभग 12.30 बजे शुरू हुई और अधिकतर जगहों पर सुबह तक पूरी कर ली गई. इस कार्रवाई में सबसे अधिक 75 लोगों को Karnataka से हिरासत में लिया गया है.

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