Haryana Ops news: OPS को लेकर आज हरियाणा के इन जिलों में कर्मचारियों ने किया रोष पर्दशन
Haryana Ops news: हरियाणा में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर एक बार फिर कर्मचारी सड़कों पर उतर चुके हैं। पिछली बार कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल में उन पर काफी लाठी डंडे बरसाए गए थे। कर्मचारियों का मानना है कि NPS को पूरी तरह बंद करके OPS को लागू करना चाहिए।
आज रविवार को हरियाणा के काफी जिलों में कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए रोष प्रदर्शन देखा गया है। कर्मचारियों का मानना है कि NPS को पूरी तरह बंद करके OPS को लागू करना चाहिए।
आज हरियाणा के काफी जिलों में OPS को लेकर कर्मचारियों में काफी रोष पर्दशन देखा गया. हरियाणा के ज्यातर जिलों में आज कर्मचारियों द्वारा ops को लेकर मांग उठाई गयी. कर्मचारियों का कहना है जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मान लेती है हम पीछे नहीं हटेंगे. ops हमारा हक है इसे हम लेकर रहेंगे.
हरियाणा में गूंजेगा OPS का मुद्दा
हरियाणा में फरवरी में हुआ बजट सत्र काफी हंगामेदार रहा था। हरियाणा कांग्रेस सदन में ओपीएस की मांग का मुद्दा काफी जोर शोर से उठाया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2024 में राज्य में कांग्रेस की सरकार आने पर ओपीएस को लागू किए जाने की घोषणा कर चुके हैं। सीएलपी की मीटिंग में भी कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सदन में सरकार को घेरने की योजना बना चुकी है।
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कांग्रेस शासित 3 राज्यों में लागू हो चुकी OPS
हर राज्य में राज्य सरकार के कर्मचारी लंबे समय से नई पेंशन योजना की बजाय पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है।
अभी तक राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में OPS लागू की जा चुकी है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में ओपीएस की दम पर ही कांग्रेस ने जीत दर्ज कर चुकी है।
हाल ही में राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने नोटिस देकर राज्यसभा में मुद्दा उठाने की मांग की।
डिप्टी CM भी इस मामले में दे चुके है राय
हरियाणा के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला भी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) पर बयान दे चुके हैं। उनका कहना है कि इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत हुई है।
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ओपीएस और एनपीएस में मात्र 4 फीसदी का ही अंतर है। 10 प्रतिशत हम जमा करते हैं और वह 14 प्रतिशत जमा करते हैं। हरियाणा भी जल्द प्रस्ताव लेकर आएगी कि हम एनपीएस में ही इस अंतर को खत्म कर दें, जिससे इस स्कीम को बदलने की जरूरत ही न पड़े। इससे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र में भी इस मामले को उठाया जा चुका है।