Russia-Ukraine War: यूरोप का सबसे बड़ा अटॉमिक की सुरक्षा के लिए IAEA ने उठाया बड़ा कदम
Haryana Update: Russia-Ukraine War: इंटरनेशनल अटॉमिक एनर्जी एजेंसी (International Atomic Energy Agency) के महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने सोमवार को कहा कि वह और उनके एक्सपर्ट्स यूक्रेन के जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र (Experts Ukraine's Zaporizhzhya Nuclear Plant) के लिए निकल चुके हैं। ग्रोसी लंबे समय से जापोरिज्जिया अटॉमिक प्लांट (atomic plant) में उनके एक्सपर्ट्स के जाने के लिए अनुमति मांग रहे थे। यूक्रेन के साथ जंग शुरू होने के तुरंत बाद रूसी सैन्यबलों ने जापोरिज्जिया अटॉमिक प्लांट पर कब्जा कर लिया था। ग्रोसी ने ट्वीट किया, 'आखिर वह दिन आ गया। सहयोग एवं सहायता मिशन रवाना हो चुका है।'
रूस कराएगा जनमत संग्रह-Russia will hold a referendum
इसके अलावा, रूस जनमत संग्रह कराकर यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्सों पर कब्जा करने के लिए आधार तैयार कर रहा है। डीपीए के अनुसार, क्रेमलिन के अधिकारी सर्गेई किरियेंको ने रविवार को एक सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि रूस में शामिल होने के लिए डोनेट्स्क और लुहान्स्क (Donetsk and Luhansk) के पूर्वी यूक्रेनी (eastern ukrainian) क्षेत्रों में समर्थन, जिसे सामूहिक रूप से डोनबास के रूप में जाना जाता है, 91 प्रतिशत से 92 प्रतिशत के बीच है।
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प्लांट बचेगा या नहीं, इस पर संशय-Doubts on whether the plant will survive
दूसरी ओर, समाचार एजेंसी डीपीए (news agency dpa) ने बताया कि जापोरिज्जिया अटॉमिक एनर्जी प्लांट बचेगा या नहीं, इसको लेकर संशय बना हुआ है। दोनों पक्षों ने कहा है कि हमलों के कारण परमाणु आपदा का खतरा (threat of nuclear disaster) है। दोनों ने संयंत्र के खिलाफ कार्रवाई से इनकार किया और कहा कि किसी भी पक्ष की बात को तुरंत सत्यापित करना संभव नहीं है। प्लांट पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे रूसी बलों ने रविवार को कहा था कि उन्हें सबसे पहले यूक्रेनी सेना के भेजे सशस्त्र ड्रोन (armed drone) को मार गिराना है।
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सबसे बड़े प्लांट की रक्षा-Protecting the biggest plant
ग्रोसी ने 13 अन्य एक्सपर्ट्स के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'हमें यूक्रेन और यूरोप के सबसे बड़े अटॉमिक प्लांट की रक्षा करनी होगी। इस मिशन की अगुवाई करके गर्व महसूस कर रहा हूं, जो इस हफ्ते के अंत तक जापोरिज्जिया अटॉमिक प्लांट (Japorizia Atomic Plant) पहुंच जाएगा।' आईएईए ने ट्वीट किया कि एक्सपर्ट यह देखेंगे कि प्लांट को फिजिकली कितना नुकसान हुआ है। इसके अलावा वह सुरक्षा प्रणालियों की कार्यक्षमता का पता लगाएंगे और कर्मचारियों की स्थिति सहित अन्य चीजों का मूल्यांकन करेंगे। रूस और यूक्रेन ने इस अटॉमिक एनर्जी प्लांट में या उसके आस-पास हाल ही में रॉकेट व तोपों से हमलों का दावा किया है। इन हमलों से रेडिएशन का रिसाव बढ़ने की आशंका तेज हो गई है। ऐसे में एक्सपर्ट्स के जल्द वहां पहुंचने की खबर बेहद अहम है।