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ये तस्वीर देखकर जल गए कई देश, रूसी विदेश मंत्री से मिलकर भारत ने दुनिया को दिया ये संदेश

Pm Narendra Modi Meets Russian Foreign Minister. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाक़ात करके दुनिया में साफ साफ संदेश दे दिया है. लेकिन यकीन मानिए इस तस्वीर को देखकर कई देशों के दिल जरूर जल गए होंगे। क्योंकि भारत मे आए कई देशों के मंत्रियों और अधिकारियों की पीएम से मुलाक़ात नहीं हुई है।

 
Pm Modi Meet Russian Foreign Minister

New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) की शुक्रवार को हुई मुलाकात कई मायनों में महत्वपूर्ण है। केवल इसलिए नहीं कि ये मुलाकात रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) की पृष्ठभूमि में हुई, बल्कि इसलिए भी कि हाल के दिनों में PM मोदी किसी भी देश के विदेश मंत्री से नहीं मिले हैं। लिहाजा इस मीटिंग से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि भारत के लिए हर हाल में रूस से रिश्ते महत्वपूर्ण हैं और अमेरिका जैसे देशों का इससे चिढ़ना लाजमी है।

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Modi Meet Russian Foreign Minister

इन नेताओं को मिली थी निराशा

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ब्रिटेन और चीन के विदेश मंत्री (China and Britain Foreign Ministers) हाल में भारत दौरे पर आए थे। दोनों चाहते थे कि PM मोदी से उनकी मुलाकात हो जाए, लेकिन यह संभव नहीं हुआ।

Liz Truss and SJayshankar

 

इनके अलावा अमेरिका के डिप्‍टी नेशनल सिक्‍योरिटी एडवाइजर (US Deputy NSA) दलीप सिंह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं कर सके। बता दें कि पीएम मोदी की रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात का जिक्र विदेश मंत्रालय की ओर से जारी मीडिया एडवाइजरी में नहीं था। हालांकि, शुक्रवार को दोनों की बैठक हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में जल्द से जल्द हिंसा खत्म करने का आह्वान किया।

 

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वांग यी को मिला था ये जवाब

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक बयान के मुताबिक, दौरे पर आए रूस के विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन की स्थिति सहित जारी शांति वार्ता के बारे में जानकारी दी। खास बात यह है कि इसके पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी भारत के दौरे पर आए थे। उनका दो दिवसीय दौरा 25 मार्च को खत्‍म हुआ था, लेकिन  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात संभव नहीं हो सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, PMO ने योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह का हवाला देते हुए चीनी विदेश मंत्री से कह दिया था कि ये मीटिंग नहीं हो सकती। गौरतलब है कि कोरोना की महामारी और गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद बीजिंग से किसी मंत्री की यह पहली यात्रा थी।  

हसरत लिए वापस लौटना पड़ा

इसी तरह, ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस(Liz Truss) भी PM मोदी से मुलाकात की हसरत लिए वापस लौट गए। गुरुवार को यूक्रेन संकट पर ट्रस ने भारत में उनके समकक्ष एस जयशंकर के साथ बातचीत की। अपनी शुरुआती टिप्पणियों में ट्रस ने कहा था कि संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।

Daleep Singh NSA

 

इसके पहले अमेरिका के डिप्‍टी नेशनल सिक्‍योरिटी एडवाइजर दलीप सिंह भी बुधवार को भारत पहुंचे थे, लेकिन, पीएम मोदी और दलीप सिंह की मुलाकात भी नहीं हुई। ऐसे में रूसी मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ पीएम की मुलाकात अपने में ही काफी महत्‍वपूर्ण हो जाती है। इससे यह भी पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी रूस के साथ संबंधों को कितनी ज्‍यादा तवज्‍जो देते हैं।

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