Cervical Cancer Treatment: बीएचयू के रिसर्चर्स ने खोजा सर्वाइकल कैंसर का जबरदस्त इलाज
Cervical Cancer Treatment: आज के समय में फिलहाल कैंसर का सबसे कारगर उपचार कीमोथेरेपी है। हालांकि कीमोथेरेपी शरीर में कैंसर के सेल पर हमला करने के साथ-साथ अन्य सामान्य कोशिकाओं पर भी हमला करता है जिससे रोगी की हालत कुछ दिनों के लिए बहुत खराब हो जाती है।
भारतीय शोधकर्ताओं ने अब एक ऐसी तकनीक खोज निकाली है जिसकी थेरेपी के दौरान केवल कैंसर(Cervical Cancer Treatment) के सेल पर हमला किया जाएगा और शरीर की बाकी कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
केंद्रीय विश्वविद्यालय बीएचयू के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित माइक्रो आरएनए विशेष रूप से सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं को मारता है। वर्तमान में सर्वाइकल कैंसर के लिए उपलब्ध इलाज कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी हैं, लेकिन इसका गैर कैंसर कोशिकाओं पर भी प्रभाव पड़ता है, जो काफी हानिकारक और विषाक्त है।
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अध्ययन के निष्कर्षों से भविष्य में सर्वाइकल कैंसर के इलाज(Cervical Cancer Treatment) के लिए माइक्रो आरएनए की ऐसी थेरेपी विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, जो कि नुकसानदायक ना हो।
स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ समरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में बीएचयू के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस माइक्रो आरएनए की खोज की है। अध्ययन के दौरान डॉसमरेंद्र सिंह और उनकी पीएचडी छात्रा गरिमा सिंह ने दिखाया कि एक मानव माइक्रोआरएनए, एमआईआर 34ए, वायरल ई6 जीन को खत्म करता है जो बदले में एक ऑन्कोजेनिक कोशिका चक्र कारक को बंद कर देता है और केवल सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं को मारता है।
सर्वाइकल कैंसर के प्रबंधन में एक सुरक्षित और विशिष्ट चिकित्सा विकसित करने के संदर्भ में यह खोज अत्यंत महत्वपूर्ण है.
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि सामान्य या गैरकैंसर कोशिकाओं पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं देखा गया।
डॉ समरेंद्र सिंह ने कहा, 'माइक्रोआरएनए कोशिका चक्र और विभिन्न अन्य सेलुलर प्रक्रियाओं के एक महत्वपूर्ण नियामक के रूप में उभरे हैं।
माइक्रोआरएनए में प्रतिकूल परिवर्तन को कई कैंसर और अन्य बीमारियों(Cervical Cancer Treatment) के विकास से जोड़ा गया है, लेकिन अभी भी उस तंत्र के बारे में बहुत कम जानकारी है जिसके द्वारा वे इन सेलुलर घटनाओं को नियंत्रित करते हैं।
डॉ। सिंह ने कहा कि हमने बताया है कि खोजा गया माइक्रोआरएनए कुछ प्रोटीनों को अस्थिर करता है और संक्रमित सर्वाइकल कैंसर(Cervical Cancer Treatment) सेल की वृद्धि को रोकने में भूमिका निभाता है, जिसके परिणामस्वरूप एचपीवी पॉजिटिव सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं के सेल प्रसार, आक्रमण और माइग्रेशन क्षमताओं को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
वर्तमान में सर्वाइकल कैंसर के लिए उपलब्ध इलाज जो कि कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी है, का गैरकैंसर कोशिकाओं पर भी प्रभाव पड़ता है, जो काफी हानिकारक और विषाक्त है।
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पूरा होने पर यह अध्ययन सर्वाइकल कैंसर के लिए विशिष्ट इलाज चिकित्सा(Cervical Cancer Treatment) विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है। अध्ययन के निष्कर्ष बीएमसी कैंसर में प्रकाशित हुए हैं, जो कैंसर के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक है।
यह ऐसा पहला अध्ययन है जिसमें यह दर्शाया गया है कि एमआईआर 34ए कोशिका चक्र को नियंत्रित करके कैंसर कोशिकाओं का दमन करता है।
डॉ। समरेंद्र कुमार सिंह की प्रयोगशाला कैंसर, विशेषकर सर्वाइकल और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के क्षेत्र में अनुसंधान करती हैं।
अपने अध्ययन को निष्पादित करने के लिए, वे विभिन्न आणविक जीव विज्ञान, जैव रसायन और संरचनात्मक जीव विज्ञान उपकरणों का उपयोग करते हैं।
वे इस बात की जांच करने की कोशिश करते हैं कि कैंसर कोशिकाओं में कोशिका चक्र का व्यवहार गलत तरीके से क्यों और कैसे नियंत्रित होता है।
उनकी प्रयोगशाला ने पहले सर्वाइकल कैंसर(Cervical Cancer Treatment) रोगियों के सीरम में ट्यूमर डीएनए के मात्रा का मूल्यांकन कर कैंसर के निदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण खोज की थी जो कि कैंसर के एक बहुत ही प्रतिष्ठित जर्नल जेसीआरटी में प्रकाशित हुई थी।