INS Vikrant: क्यों किया PM ने INS विक्रांत को छत्रपति शिवाजी को समर्पित? जानिए वजह
Haryana Update: INS Vikrant: शक्रवार को ही नए झंडे के रूप में भारतीय नौसेना को नई पहचान भी मिल गई। इसमें ब्रिटिश उपनिवेश का अतीत याद दिलानेवाले क्रॉस को हमेशा-हमेशा के लिए हटा दिया गया।
इंडियन नेवी के लिए प्रेरणा
नेवी के नए निशान में महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी की शील्ड से प्रेरित अष्टकोणीय प्रतीक शामिल किया गया। नेवी का क्रिस्ट इसी आकृति में है। शिवाजी महाराज, हमेशा से ही इंडियन नेवी के लिए प्रेरणा रहे हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘फादर ऑफ इंडियन नेवी’ या नौसेना का पितामह भी कहा जाता है। इसके पीछे शिवाजी महाराज के मराठा शासन की गौरवशाली कहानी है।
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छत्रपति शिवाजी की नौसेना
मराठा शासन ने 17वीं शताब्दी में नेवी फोर्स स्थापित किया था, जिस आधारशिला को छत्रपति शिवाजी ने काफी मजबूत किया। उन्होंने समुद्री मार्ग से सटे कोंकण और गोवा में देश की रक्षा के लिए एक मजबूत नेवी की स्थापना की थी। इन समुद्री रास्तों के जरिये अरब, पुर्तगाली, ब्रिटिश और अन्य समुद्री लुटेरे घुसपैठ न करें, इसके लिए उन्होंने भिवंडी, कल्याण और पनवेल में लड़ाई के लिए समुद्री जहाज तैयार करवाए थे।
नौसेना के लिए फाइटर जहाजों का निर्माण
इंडियन नेवी की ओर से जारी किए गए एक वीडियो के अनुसार, शिवाजी के पास 60 फाइटर शिप्स यानी लड़ाकू जहाज थे। शिवाजी ने प्रशिक्षित लोगों से लड़ाकू जहाज बनवाए थे। उनके समुद्री बेड़े में 5000 सैनिक थे। अंग्रेज, डच, पुर्तगाली और डच ने भी मराठा शिप्स का उल्लेख किया है। हालांकि इनकी संख्या की पुष्टि नहीं की है। इंग्लिश फैक्ट्री रिकॉर्ड के अनुसार, उनकी सेना में 85 फ्रिगेट यानी लड़ाई के छोटे जहाज और तीन बड़े जहाज थे।
तब मराठा नेवी और अब इंडियन नेवी
रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवाजी की फ्लीट में 700 तक व्यापारी शामिल थे। फरवरी 1665 में शिवाजी ने बसरूर में अपनी सेना को जोड़ा और फिर नवंबर 1670 में कोलाबा जिले में नंदगांव में 160 जहाजों को इकट्ठा करके एक फ्लीट तैयार की। दरिया सांरग को इस फ्लीट का एडमिरल बनाया गया।
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शिवाजी की नेवी में कई मुस्लिम सैनिक भी शामिल थे। इनमें प्रमुख तौर पर सिद्दी इब्राहिम और दौलत खान का नाम आता है। अफ्रीकी मूल के इन दोनों सैनिकों को शिवाजी ने आर्टिलरी प्रभारी और अन्य बड़ी जिम्मेदारियां दी थीं। शिवाजी ने जंजीरा कोस्ट लाइन पर भी कई लड़ाईयां लड़ीं। मराठाओं ने जिस नेवी की नींव रखी, शिवाजी ने उसे विस्तार देते हुए बहुत मजबूत बनाया। तब देश के पास शिवाजी की मराठा नेवी थी और आज देश की रक्षा के लिए इंडियन नेवी है।