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Ramayan Quiz: दो मुस्लिम छात्रों ने जीता रामायण क्विज, विजेता बनने के बाद कही ये बड़ी बात

Ramayana Quiz Winners.महान महाकाव्य के गहन ज्ञान ने बासित और उनके कॉलेज के साथी-मित्र मोहम्मद जाबिर पीके को रामायण क्विज का विजेता बनाने में मदद की है. इस क्विज का ऑनलाइन आयोजन दिग्गज प्रकाशक कंपनी डीसी बुक्स ने किया था.
 
Ramayan Quiz Winners

Ramayana Quiz: अगर आप मुस्लिम युवक मोहम्मद बसीथ एम से रामायण की उनकी पसंदीदा चौपाई के बारे में पूछेंगे, तो वह तुरंत 'अयोध्यकांड' की चौपाई को दोहरा देंगे, जिसमें लक्ष्मण के क्रोध और भगवान राम की ओर से अपने भाई को दी जा रही सांत्वना का जिक्र है. इसमें भगवान राम साम्राज्य और शक्ति की निरर्थकता को विस्तार से बता रहे हैं.

वह न केवल 'अध्यात्म रामायणम' के छंदों को धाराप्रवाह और मधुर रूप से पेश करेंगे, बल्कि पवित्र पंक्तियों के अर्थ और संदेश को भी विस्तार से बताएंगे. 'अध्यात्म रामायणम' महाकाव्य का मलयालम संस्करण है, जिसे थूंचथु रामानुजन एझुथाचन ने लिखा है.

Ramayan Quiz Contest

 

पिछले महीने हुआ था क्विज

महान महाकाव्य के गहन ज्ञान ने बासित और उनके कॉलेज के साथी-मित्र मोहम्मद जाबिर पीके को रामायण क्विज का विजेता बनाने में मदद की है. इस क्विज का ऑनलाइन आयोजन दिग्गज प्रकाशक कंपनी डीसी बुक्स ने किया था. उत्तरी केरल जिले के वलांचेरी में केकेएसएम इस्लामिक एंड आर्ट्स कॉलेज में आठ साल के कोर्स (वेफी प्रोग्राम) के बासित पांचवे और जाबिर फाइल ईयर के स्टूडेंट हैं. पिछले महीने आयोजित हुए क्विज के वे पांच विजेताओं में से एक थे.

रामायण क्विज में इस्लामिक कॉलेज के छात्रों की जीत के बाद सभी लोगों का ध्यान इस तरफ गया, जिसके बाद विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने दोनों को बधाई देना शुरू कर दिया.

 

सभी को पढ़नी चाहिए रामायण-महाभारत

छात्रों ने कहा कि हालांकि वे बचपन से महाकाव्य के बारे में जानते थे, उन्होंने वाफी कोर्स में शामिल होने के बाद रामायण और हिंदू धर्म के बारे में गहराई से पढ़ना और सीखना शुरू कर दिया, जिसके पाठ्यक्रम में सभी प्रमुख धर्मों की शिक्षाएं हैं. जाबिर ने कहा, 'सभी भारतीयों को रामायण और महाभारत महाकाव्यों को पढ़ना और सीखना चाहिए क्योंकि वे देश की संस्कृति, परंपरा और इतिहास का हिस्सा हैं. मेरा मानना है कि इन ग्रंथों को सीखना और समझना हमारी जिम्मेदारी है.'

 

'लेनी चाहिए प्रेरणा'

22 वर्षीय छात्र ने कहा, 'राम को अपने पिता दशरथ से किए गए वादे को पूरा करने के लिए अपने राज्य का भी त्याग करना पड़ा. सत्ता के लिए अंतहीन संघर्षों के दौर में रहते हुए, हमें राम जैसे पात्रों और रामायण जैसे महाकाव्यों के संदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए.'

बासित महसूस करते हैं कि गहराई से पढ़ाई अन्य धर्मों और इन समुदायों के लोगों को अधिक समझने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म नफरत को बढ़ावा नहीं देता बल्कि केवल शांति और सद्भाव का प्रचार करता है. उन्होंने कहा कि क्विज जीतने से उन्हें महाकाव्य को और गहराई से सीखने की प्रेरणा मिली है.

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