CBSE Latest Update: 12वीं की परीक्षा अब साल में होगी 2 बार , केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने NCF का अनुबंध किया जारी
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय कॅरिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) का मसौदा जारी किया है. इसमें 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो टर्म में लेने का प्रस्ताव है. 10वीं- 12वीं के रिजल्ट में पिछली कक्षाओं के अंक जोड़ने की भी सिफारिश की गई है. उसको ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए इस ढांचे में विज्ञान, वाणिज्य और कला के विभाजन को भी समाप्त करने का प्रस्ताव है.
नया ढांचा सत्र 2024- 25 से होगा लागू
कोरोना के दौरान बोर्ड परीक्षा दो भागों में ली गई और अब यही व्यवस्था स्थायी की जाएगी. नया ढांचा सत्र 2024- 25 से लागू हो सकता है. अब तक 1975, 1988, 2000 और 2005 में पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है. बोर्ड परीक्षाओं के प्रारूप में बदलाव का यह पहला प्रयास भी नहीं है. इससे पहले 2009 में 10वीं के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन पद्धति लागू की गई थी लेकिन 2017 में इसे वापस ले लिया गया.
9वीं और 12वीं तक 8 ग्रुप में से सब्जेक्ट होगा चुनना
मसौदे में पिछले 4 साल (9वीं से 12वीं) में विषय चुनने की छूट होगी. इन्हें 8 समूहों में बांटा जाएगा- मानविकी, गणित- कंप्यूटिंग, व्यावसायिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, इंटर- डिसिप्लिनरी विषय.
इन 4 सालों को भी दो चरणों में बांटा जाएगा. 9वां और 10वां और 11वां और 12वां. पहले चरण में यानी कक्षा 9- 10 में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और मानविकी पढ़ाया जाएगा, दूसरे चरण में (कक्षा 11- 12) इतिहास, भौतिकी, भाषा पढ़ाई जाएगी.
बोर्ड परीक्षाओं में एमसीक्यू होंगे ज्यादा
सीबीएसई ने मूल्यांकन पद्धति में बदलाव करते हुए 2024 की बोर्ड परीक्षाओं में अधिक संख्या में बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) पूछने और लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भार कम करने का फैसला किया है. बोर्ड ने यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मद्देनजर उठाया है ताकि छात्र रटकर पढ़ाई न करें. वर्ष 2023- 24 की 10वीं बोर्ड परीक्षा में एमसीक्यू पेपर का वेटेज 50 फीसदी जबकि 12वीं में 40 फीसदी होगा.
सेमेस्टर सिस्टम से होगी पढ़ाई
11वीं और 12वीं में भी 8 विषय समूहों में से 4 विषयों की पढ़ाई करनी होगी. इन दोनों वर्षों में सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी. चुने हुए विषय को एक सेमेस्टर में पूरा करना होगा.12वीं का सर्टिफिकेट लेने के लिए छात्र को 16 पेपर (कोर्स) में पास होना होता है. आपको 8 में से तीन विषय समूहों में से अपने चार विषयों का चयन करना है. उदाहरण के लिए यदि कोई छात्र सामाजिक विज्ञान विषय समूह से इतिहास चुनता है, तो उसे इतिहास के चार पेपर (पाठ्यक्रम) पूरे करने होंगे. अगर कोई गणित वर्ग से कंप्यूटर साइंस चुनता है तो उसे चार कोर्स करने होते हैं.