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हरियाणा के महंगे स्कूलों मे पढ़ रहे बच्चों के परिवारों को नही मिलेगा BPL CARD

चार पहिया वाहन रखने वाले लोग भी गरीबों की श्रेणी से बाहर होंगे।
 
हरियाणा के महंगे स्कूलों मे पढ़ रहे बच्चों के परिवारों को नही मिलेगी बीपीअल सुविधा जाने पूरा सच 

Haryana Update:हरियाणा महंगे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक गरीबों की श्रेणी से होंगे बाहर

जिन लोगो ने अपनी आय पीपीपी मे कम दिखाई है लेकिन उनके बच्चे महंगे स्कूल मे पढ़ रहे है तो उन्हे भी बीपीअल  की सूची से निकाला जाएगा। 

Haryana: महंगे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावक गरीबों की श्रेणी से होंगे बाहर

 

हरियाणा में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक सुनिश्चित करने में जुटी प्रदेश सरकार परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में दर्ज आय के सत्यापन के लिए एक और तरीका अपनाने जा रही है।

जिन लोगों ने अपनी आय पीपीपी में कम दिखाई है, लेकिन उनके बच्चे महंगे स्कूलों में पढ़ रहे हैं तो उन्हें भी बीपीएल की सूची से निकाला जाएगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: हरियाणा में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक सुनिश्चित करने में जुटी प्रदेश सरकार परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में दर्ज आय के सत्यापन के लिए एक और तरीका अपनाने जा रही है।

गांवों में 99 प्रतिशत डाटा सत्यापित किया जा चुका है। गुरुग्राम, पंचकूला, फरीदाबाद और सोनीपत में 96 प्रतिशत पीपीपी सत्यापित हैं।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने बताया कि प्रदेश में 72 लाख परिवार हैं जिनमें से 68 लाख के पीपीपी बने हैं।

हरियाणा निवास में शनिवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में पीपीपी की खूबियां गिनाते हुए 

जांच की तो पता चला कि एक कर्मचारी ने फर्जी तरीके से इन लोगों के नाम अनुबंधित कर्मचारियों की लिस्ट में डाल दिए और उनकी तनख्वाह के पैसे खुद हड़प रहा था।

परिवार पहचान पत्र योजना की कमान संभाल रहे वी उमाशंकर ने बताया कि कैसे पीपीपी से फर्जीवाड़ा रुका है।

सीएम के प्रधान सचिव ने बताया कि पांच सदस्यीय समितियों के जरिये आय का सत्यापन कराया गया है। 
जिनमें से चार लाख ठीक कर दिए गए हैं। तीन लाख पेंशनर्स ऐसे हैं जिनके न मोबाइल नंबर हैं और न रिहायश का पता।

 
इसी तरह साढ़े आठ लाख पेंशनर्स का आधार गलत था,इनके बैंक खातों में पेंशन जा रही है। प्रदेश में करीब ढाई लाख परिवार हैं जो आजीविका के लिए हरियाणा से बाहर हैं।

इनमें से अधिकतर दिल्ली या चंडीगढ़ में हैं। सरकार ऐसे लोगों के भी पीपीपी बनाएगी।

 इसी तरह दो करोड़ 83 लाख की आबादी में से एक करोड़ 44 लाख 51 हजार 749 परिवार अनुसूचित जाति और बीसी-ए व बीसी-बी वर्ग से हैं।

यानी कि आधी आबादी पिछड़ा वर्ग से है। प्रदेश में अनुसूचित जाति के 13 लाख 68 हजार 365 परिवार हैं जिनमें 58 लाख 61 हजार 131 सदस्य हैं।

हरियाणा में आधी आबादी अनुसूचित और पिछड़ा वर्ग की

बीसी-ए के 11 लाख 23 हजार 852 परिवारों में 47 लाख 93 हजार 312 और बीसी-बी के आठ लाख 69 हजार 79 परिवारों में 37 लाख 97 हजार 306 सदस्य हैं।

हरियाणा में करीब 72 लाख परिवार हैं जिनमें से 33 लाख 61 हजार 306 अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग ए और पिछड़ा वर्ग बी के हैं।  

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