Haryana में सभी निजी स्कूलों के लिए किताबे और स्कूल ड्रेस को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए सख्त निर्देश,
Haryanaudpate News. स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं, देखिये क्या दिये गए है सख्त निर्देश..
चंडीगढ़. हरियाणा में प्राइवेट स्कूल बिना फार्म-6 भरे फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे. न ही विद्यार्थियों व अभिभावकों पर दुकान विशेष से स्कूल यूनिफार्म और कापी-किताब खरीदने का दबाव नहीं बना सकेंगे. शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद बृहस्पतिवार को स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से इस बाबत निर्देश जारी किए हैं .
खास बात यह है कि बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल पहले ही फीस में बढ़ोतरी कर चुके हैं. वहीं अभिभावकों द्वारा उन्हीं दुकानों से स्कूल यूनिफार्म और कापी-किताबें भी खरीदी जा चुकी हैं. एक और रोचक पहलू यह है कि अधिकांश जिलों में कापी-किताबों और यूनिफार्म के लिए पहले से ही दुकानें तय हैं. इन दुकानों से अलग अन्य कहीं यूनिफार्म भी कम ही मिलती है.
बिना फार्म-6 भरे फीस बढ़ाने वाले स्कूल संचालकों पर कार्रवाई के निर्देश
बड़े कान्वेंट स्कूलों के मामले में तो कम से कम ऐसी ही ग्राउंड रियलटी है. स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी मंडल आयुक्तों, डीसी, जिला शिक्षा व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों तथा जिला परियोजना अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी किए हैं. इन अधिकारियों को कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि बिना फार्म-6 भरे फीस बढ़ाने वाले स्कूल संचालकों पर कार्रवाई की जाए.
फार्म-6 भरने वाले स्कूल ही फीस में बढ़ोतरी कर सकेंगे. इस संदर्भ में सरकार द्वारा 8 दिसंबर को नोटिफिकेशन भी जारी किया था. इस नोटिफिकेशन की कापी भी जिलों में भेजी गई है. नया फार्म-6 भरने की अंतिम तिथि पहली फरवरी, 2022 थी. इसे बढ़ाकर 15 फरवरी, फिर 15 मार्च और आखिर में 31 मार्च किया गया.
अफसरों को निर्देशों का पालन करने के आदेश
इसी तरह से जिलों के अधिकारियों को कहा है कि वे सुनिश्चत करें कि कोई भी प्राइवेट स्कूल विद्यार्थियों को किसी दुकान से वर्दी, पुस्तकें, कार्य पुस्तिकाएं, लेखन सामग्री, जूते आदि स्कूल द्वारा निर्धारित दुकान से खरीदने के लिए बाध्य न करे.