PMGKAY Scheme : जानिेए क्यू कर रही केंद्र सरकार सितंबर के बाद मुफ्त राशन का वितरण बंद
Haryana update: व्यय विभाग (expenditure department)की ओर से चेतावनी दी गयी है कि PMGKAY को सितंबर महीने के बाद जारी रखने और टैक्स में किसी भी तरह की कटौती से केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति(fiscal position of the central government) पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन(lockdown) में शुरू की गयी थी योजना.
सरकार ने कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान गरीब जनता को मुफ्त में राशन उपलब्ध (free ration available)कराने के लिए देश भर में PMGKAY योजना की शुरूआत की थी। इसी साल मार्च में इस योजना को छह महीने का अवधि विस्तार दिया गया था।
ईटी(ET's) की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार (the central government)ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में खाद्यान सब्सिडी के लिए 2.07 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, वहीं सितंबर तक PMGKAY के तहत मुफ्त खाद्यान वितरण (free food distribution)से ही सब्सिडी बिल(subsidy bill) बढ़कर 2.87 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में अगर सरकार PMGKAY को सितंबर के बाद अगले 6 महीने के केलिए बढ़ाती है तो इससे सरकारी खजाने पर 80,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और उस स्थिति में साल 2023 में खाद्यान सब्सिडी बढ़कर 3.7 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।
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टैक्स में कटौती से भी बढ़ेगी परेशानी(Tax cuts will also increase trouble)
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग(Department of Expenditure, Ministry of Finance) ने एक इंटर्नल नोट (internal note)में इस बात का जिक्र किया है कि टैक्स कटौती और खाद्यान सब्सिडी के समय का दायरा बढ़ने से खजाने पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स (media reports)में यह भी कहा गया है कि चाहे फूड सिक्योरिटी(food security) के आधार पर हो या वित्तीय स्थिति के हालत के आधार पर, किसी भी स्थिति में PMGKAY की समय सीमा बढ़ाने की सलाह वर्तमान परिस्थिति(current situation) में नहीं दी जा सकती है। अब ऐसे में यह बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि क्या सरकार सितंबर के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को बंद कर देगी?