Latest Sarkari Yojna: सभी किसानों की होगी बल्ले-बल्ले, हरियाणा सरकार लाई है मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना,
Haryana Update: हरियाणा सरकार ने किसानों को पैसों की मदद के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राज्य के सभी किसानों को ये लाभ मिल सके।
इनमें से एक कार्यक्रम को मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (एमबीबीवाई) कहा जाता है। यह किसानों की मदद करता है अगर उनकी फसलें तूफान या बाढ़ जैसी बुरी चीजों के कारण क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। लेकिन मदद पाने से पहले किसानों को 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' नामक वेबसाइट पर साइन अप करना होगा।
आपको एमबीबीवाई नामक सरकार की विशेष वेबसाइट पर साइन अप करना होगा।
उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से फसल नष्ट होने पर किसानों को मदद देने की योजना है।
उन्होंने कहा कि अगर किसान फल उगाते हैं तो उन्हें 40,000 रुपये प्रति एकड़ का बीमा मिल सकता है और अगर वे सब्जियां या मसाले उगाते हैं तो उन्हें 3000 रुपये प्रति एकड़ का बीमा मिल सकता है,
जो किसान इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं उन्हें mbby.hort.harana.gov.in नाम की वेबसाइट पर साइन अप करना होगा।
एमबीबीवाई नामक एक विशेष कार्यक्रम में सरकार फल और सब्जियां उगाने वाले किसानों की मदद कर रही है। इनमें कई अलग-अलग प्रकार के फल और सब्जियाँ शामिल हैं जैसे टमाटर, प्याज, खरबूजे, गाजर, और भी बहुत कुछ।
अगर किसान सरकार से मदद पाना चाहते हैं तो उन्हें कुछ पैसे चुकाने पड़ते हैं जिन्हें प्रीमियम कहा जाता है। सब्जियों और मसालों के लिए यह 750 रुपये और फलों के लिए 1000 रुपये है। फसल खराब होने पर किसानों को 72 घंटे के अंदर सरकार को बताना होगा,
कितने फल और सब्जियां बर्बाद हुईं और उनके बदले कितने पैसे मिले,
यदि आपके पास पाई है और आप एक छोटा टुकड़ा खाते हैं, तो यह पाई का 25% निकालने जैसा होगा। तो यदि पाई को चार बराबर भागों में विभाजित किया जाता, तो आप उनमें से एक भाग खा लेते।
15,000 का 26 से 50 प्रतिशत के बीच।
अगर आपके पास कोई चीज़ है जिसकी कीमत 100% है तो उसका 50-75% 22,500-30,000 होगा।
किसी चीज़ का 75 से 100 प्रतिशत के बीच 30,000 से 40,000 के बराबर है।
इन विशिष्ट तिथियों से पहले कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें। मोनिका गुप्ता ने बताया कि स्ट्रॉबेरी के लिए 1 सितंबर से 31 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन करा लें, आलू, गाजर, फूलगोभी, पत्तागोभी, मटर और मूली के लिए आपको 15 सितंबर से 31 जनवरी तक पंजीकरण कराना होगा। तरबूज, खरबूज, टिंडा, कद्दू और शिमला मिर्च के लिए आपको 15 जनवरी से 15 मार्च तक पंजीकरण कराना होगा।
मिर्च के लिए आपको 15 नवंबर से 31 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन कराना होगा, और कद्दू के लिए, यदि आपकी माल्टा, नींबू और संतरे की फसल क्षतिग्रस्त हो जाती है तो सहायता प्राप्त करने के लिए आपको 1 मार्च से 31 मई तक पंजीकरण करना चाहिए। अगर आप इन तारीखों से चूक गए तो आपको इस कार्यक्रम का लाभ नहीं मिल पाएगा।
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