सुकन्या समृद्धि योजना के बदले गए ये 5 नियम, अब बेटी का भविष्य सवारना हुआ आसान
Sukanya Samriddhi Yojana. These 5 rules changed for Sukanya Samriddhi Yojana, now it is easy to ride the future of the daughter
नई दिल्ली | सुकन्या समृद्धि योजना(Sukanya Samriddhi Yojana) केन्द्र सरकार की एक बेहद ही खास योजना है. अगर आपके घर में 10 साल की बेटी है तो इस योजना के तहत आप उसके नाम पर खाता खुलवा सकते हैं. केन्द्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़े 5 बड़े बदलाव किए हैं. बदलाव के बाद इस योजना में निवेश करना और आसान हो गया है. आइए जानते हैं योजना में हुए बदलाव के बारे में…
अब अकाउंट नहीं होगा डिफॉल्ट
बता दें कि इस योजना में हर साल कम से कम 250 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा करने का प्रावधान है. पहले न्यूनतम राशि जमा नहीं कराने पर अकाउंट डिफॉल्ट हो जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि अब अकाउंट को दोबारा एक्टिव नहीं कराने पर मैच्योर होने तक खाते में जमा राशि पर लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा.
समय पर मिलेगा ब्याज
नए नियमों के तहत अकाउंट में गलत ब्याज डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है. इसके अलावा अकाउंट का वार्षिक ब्याज हर वित्त वर्ष के आखिर में क्रेडिट किया जाएगा.
तीसरी बेटी के अकाउंट पर भी टैक्स छूट
पहले इस योजना में दो बेटियों के अकाउंट पर 80-C के तहत छूट का प्रावधान था. तीसरी बेटी के लिए यह फायदा नहीं था. लेकिन अब अगर एक बेटी के बाद दो जुड़वां बेटियां हैं, तो इन दोनों के लिए भी अकाउंट खोलने का प्रावधान हैं और टैक्स छूट मिलेगा.
अब 18 वर्ष की आयु में लड़की कर पाएगी अकाउंट ऑपरेट
पहले के नियमानुसार बेटी की आयु 10 साल पूरी होने पर वह खुद अपने अकाउंट को ऑपरेट कर सकती थी, लेकिन अब बिटिया की आयु 18 वर्ष पूरी होने पर ही ऑपरेट करने का अधिकार मिलेगा. इससे पहले बेटी के अभिभावक इस अकाउंट को ऑपरेट कर सकेंगे.
अब अकाउंट बंद कराना आसान
सुकन्या समृद्धि योजना के अकाउंट को पहले बेटी की मौत होने या उसका एड्रेस बदलने पर बंद किया जा सकता था. लेकिन अब अगर अकाउंट होल्डर्स को जानलेवा बीमारी हो जाए तो भी उस अकाउंट को बंद कराया जा सकता है. अगर अभिभावक की मौत हो जाती है तो भी अकाउंट मैच्योरिटी से पहले बंद कराया जा सकता है.