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UP Sarkari Yojana : गरीब परिवारों को मिलेंगे 5 लाख रुपए, जानिए कैसे और कब ?

यूपी में संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलते ही, 3.19 करोड़ पात्र घरेलू राशन कार्ड धारक परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का निशुल्क चिकित्सा मिलना शुरू हो जाएगा। यह उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य में महत्वपूर्ण है।

 
UP Sarkari Yojana : गरीब परिवारों को मिलेंगे 5 लाख रुपए, जानिए कैसे और कब ?

उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में मुफ्त राशन योजना की सफलता के बाद बीजेपी सरकार अब आयुष्मान योजना के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने पर फोकस कर रही है। इसके लिए योगी सरकार ने जनता को बड़े पैमाने पर फायदे देने का प्रयास किया है, जिसमें महिला राशन कार्ड धारकों को सीधे योजना से जोड़ा जाएगा। राज्य के 3.19 करोड़ पात्र घरेलू राशन कार्ड धारकों में से 13.74 करोड़ लोग भी जल्द ही इसका लाभ लेंगे। प्रत्येक परिवार को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हर साल 5 लाख रुपये तक का निशुल्क चिकित्सा उपचार मिल सकेगा।

महत्वपूर्ण बात यह है कि शहरी क्षेत्रों में 3 लाख रुपये से कम और ग्रामीण क्षेत्रों में 2 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए पात्र गृहस्थी राशन कार्ड बनाए जाते हैं। भूमिहीन मजदूर, कुली या पल्लेदार, फेरीवाले, रिक्शा चालक, जूते की मरम्मत करने वाले, घरेलू कामगार, स्वच्छता कार्यकर्ता, कुष्ठ और एड्स रोगी, अनाथ बच्चे, परित्यक्त महिलाएं, आदि घरेलू राशन कार्ड धारक पात्र हैं। अब राज्य सरकार राशन कार्ड धारकों को भी आयुष्मान योजना का लाभ देगी। 

"सालाना 5 लाख रुपए का उपचार मिलेगा"

संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलते ही, 3.19 करोड़ पात्र घरेलू राशन कार्ड धारक परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का निशुल्क चिकित्सा मिलना शुरू हो जाएगा। यह उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य में महत्वपूर्ण है। यहां, बीजेपी को आम चुनाव से पहले एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।

"यूपी ने सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए"

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फिर भी, राज्य के 3,603 अस्पतालों में आयुष्मान योजना का उपयोग हो रहा है। योजना, जो पांच साल पहले शुरू हुई थी, अब तक २५ लाख लोगों को लाभ पहुंचा चुकी है। सरकार ने इनके उपचार पर 3,407 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उत्तर प्रदेश में एक विशेष अभियान के तहत पिछले एक महीने में 50 लाख से अधिक नए कार्ड बनाए गए, जो एक नया कीर्तिमान है। उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड बनाने वाला राज्य बन गया है, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार 3.71 करोड़।

"कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड बांटे जाएंगे"

गौरतलब है कि यूपी सरकार ने 17 सितंबर से एक अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य लोगों को आयुष्मान कार्ड देना है। राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड दोनों कैंपों पर बांटे जाएंगे। 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर आयुष्मान योजना से मिलता है। 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आधार पर, वर्तमान में चिन्हित गरीबों में 7.56 करोड़ लोग या ऐसे परिवार शामिल हैं जिनमें सभी बुजुर्ग हैं, या छह या अधिक सदस्यों वाले 1.81 करोड़ परिवारों।

"स्वास्थ्य केंद्रों में पूछताछ केंद्र बनाए गए हैं"

हम पैनल में शामिल अस्पतालों की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहते हैं, कहा PMJAY की नोडल एजेंसी स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (SACHIS) की सीईओ संगीता सिंह। 60 अस्पतालों के साथ शुरू किए गए इस ग्रीन चैनल पायलट प्रोजेक्ट ने अच्छा काम किया है। हाल ही में हमने 1242 अस्पतालों को ग्रीन चैनल में शामिल किया है। साथ ही, साढ़े सात प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पूछताछ केंद्र भी बनाए गए हैं। इस अभियान से अधिक से अधिक मरीज PMJAY से लाभान्वित हो रहे हैं।

"करोड़ों लोग जीवन बदल रहे हैं"

यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने आजतक से बातचीत में कहा कि मोदी सरकार गरीबों के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। पहले मुफ्त राशन से काफी लोगों को कवर किया गया और लाभ मिला। आयुष्मान योजना अब सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करती है। सरकार का उद्देश्य और यह पहले से ही करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रहा है। आयुष्मान योजना उत्तर प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।

"स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है"

साथ ही, समाजवादी पार्टी ने इस योजना की सफलता पर संदेह व्यक्त किया है। सपा नेता अमीके जामई ने कहा कि बीजेपी ने राज्य को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं दी हैं। महिलाएं सड़कों पर बच्चे देती हैं। डेंगू के मरीजों को बिस्तर नहीं मिलता। साथ ही वेंटिलेटर पूरे स्वास्थ्य प्रणालीको नियंत्रित करता है। भाजपा को राजनीतिक लाभ लेने के बजाय मुफ्त में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच मिलनी चाहिए।
  


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