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जानें कितने घंटे Mobile और Laptop Use से हो सकता है अंधापन

Mobile & Laptop Use Tips: आजकल अधिकांश लोग स्मार्टफोन या लैपटॉप पर अपना अधिकांश समय बिताते हैं। अब अधिकांश काम भी ऑनलाइन होने लगे हैं, जिससे लोगों का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ा है। जब लोग दिन भर स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, तो उनकी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आंखों के डॉक्टर भी मानते हैं कि स्क्रीन आई सेहत अच्छी नहीं होती।
 
 
जानें कितने घंटे Mobile और Leptop Use से हो सकता है अंधापन
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Haryana Update: आज बहुत से लोग हर दिन स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। लोगों पर जो प्रभाव पड़ता है साथ ही, हम आपको स्मार्टफोन और लैपटॉप की स्क्रीन से आपकी आंखों पर क्या असर होता है बताने जा रहे हैं।

स्वास्थ्यपूर्ण आंखों के लिए लोगों को स्मार्टफोन और लैपटॉप का कम से कम उपयोग करना चाहिए। हालाँकि आजकल इन चीजों का बहुत अधिक उपयोग होने लगा है। इसकी वजह से लोगों को आंखों की बीमारी होती है। लंबे समय तक स्मार्टफोन का उपयोग करने से आंखों की रोशनी कम होने का दावा सोशल मीडिया पर फैल गया है। अब सवाल उठता है कि क्या स्मार्टफोन और लैपटॉप चलाने से अंधेपन हो सकता है? विश्व दृष्टि दिवस पर स्पेशलिस्ट से सच्चाई जानिए।

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के ऑप्थाल्मोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. तुषार ग्रोवर ने बताया कि स्क्रीन देखने से हमारी आंखों पर काफी असर पड़ता है। ज्यादा समय स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप, कंप्यूटर या टीवी देखने से आंखों की मसल्स स्ट्रेन होती हैं, जो दर्द, सिर दर्द, ड्राइनेस और ब्लर विजन को जन्म दे सकता है। लोग लंबे समय तक स्क्रीन देखते हुए पलक नहीं झपकाते। इससे आंखों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। स्क्रीन आई ड्राइनेस की सबसे महत्वपूर्ण वजह है। इससे आंखों में ब्लरिंग, जलन और दर्द हो सकता है। लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग करने से हमारी आईसाइट प्रभावित होती है और हमारी लाइट सेंसटिविटी बढ़ जाती है। ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज करते हैं, लेकिन आंखों को खास ध्यान देना चाहिए।

अधिक स्क्रीन देखने से अंधे होने का खतरा? (खिंचाव का खतरा)—

डॉ. तुषार ग्रोवर ने कहा कि हद से ज्यादा स्मार्टफोन और लैपटॉप चलाने से अंधेपन भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि अभी तक कोई अध्ययन नहीं हुआ है या ऐसा कोई मामला देखा गया है कि स्मार्टफोन, टैबलेट या लैपटॉप के अधिक इस्तेमाल से विजन में डिस्टरबेंस या आईसाइट वीक हो सकता है।

इसके बावजूद, यह कहना गलत होगा कि स्क्रीन के ज्यादा इस्तेमाल से सामान्य ब्लाइंडनेस का कारण बन सकता है। स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग विजन इंपेयरमेंट को जन्म दे सकता है, जिसे लोग टेंपरेरी ब्लाइंडनेस कहते हैं। स्मार्टफोन के लगातार इस्तेमाल से आंखों में दर्द, जलन, हैवीनेस और ड्राईनेस का अनुभव हो सकता है। इससे कई बार ध्यान केंद्रित करना भी मुश्किल होता है।

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डॉ. ग्रोवर के अनुसार अंधेरे में स्क्रीन का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। आंखें इससे सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। अब आंखों के अंदर अधिक लाइट जाती है और आंखों की पुतली को प्रभावित करती है। इसके अलावा, यह स्लीप साइकल को प्रभावित करता है। स्क्रीन लगातार प्रयोग करने से शरीर का पोश्चर खराब हो जाता है, जिससे गले और बैक पेन में दर्द होने लगता है। आप फोन चलाते समय कमरे की लाइट को ऑन करके आंखों को स्क्रीन से बचाने के लिए ब्लू लाइट फिल्टर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।