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90 हाथियों जितना बड़ा Asteroid आ रहा पृथ्‍वी के करीब, 56880km की है स्‍पीड, क्या मच जाएगी तबाही?

Asteroid meaning in hindi: ऐस्टरॉइड वो चट्टानी तूफ़ान होते हैं जिन पर दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां नज़र रखती हैं. इसके बावजूद बहुत से क्षुद्रग्रहों का पता बिल्कुल अंत में लगता है, जब वे पृथ्वी के करीब आने वाले होते हैं।पढिये पूरी खबर...
 
 
90 हाथियों जितना बड़ा Asteroid आ रहा पृथ्‍वी के करीब, 56880km की है स्‍पीड, क्या मच जाएगी तबाही? 

ऐस्टरॉइड वो चट्टानी तूफ़ान होते हैं जिन पर दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां नज़र रखती हैं. इसके बावजूद बहुत से क्षुद्रग्रहों का पता बिल्कुल अंत में लगता है, जब वे पृथ्वी के करीब आने वाले होते हैं।

ऐसा ही एक ऐस्टरॉइड हमारी धरती के करीब आ रहा है और 6 अप्रैल को चिंता का सबब बन सकता है। 90 हाथियों जितना बड़ा यह क्षुद्रग्रह 16 मार्च 2023 को खोजा गया है।(asteroid belt) नाम है- (2023 FM)। इसे धरती के लिए 'संभावित रूप से खतरनाक' माना गया है।

माइनरप्लैनेटसेंटर के डेटा से पता चलता है कि क्षुद्रग्रह 2023 एफएम 15.8 किमी/सेकंड की गति से हमारी पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। यानी यह 56880 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही है।

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इसकी ऊंचाई 85 से 270 मीटर के बीच हो सकती है। इतनी बड़ी चट्टान होने के बावजूद वैज्ञानिक इस ऐस्टरॉइड को देर से खोज पाए। इसका रूट भी हाल ही में पता चला है।

रिपोर्टों के अनुसार, कई बार क्षुद्रग्रहों का देर से पता चलता है क्योंकि वे सूर्य की तेज रोशनी में 'छिप' रहे होते हैं और उपग्रहों या राडार द्वारा नहीं पकड़े जा सकते हैं। क्षुद्रग्रह चिंता का कारण बन जाते हैं क्योंकि उनकी दिशा बदल सकती है। अगर कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराता है तो यह हमारे ग्रह पर भारी तबाही ला सकता है।(asteroid meaning in hindi) ऐसा माना जाता है कि करोड़ों साल पहले एक ऐस्टरॉइड के टकराने से हुई तबाही से डायनासोर भी धरती से खत्म हो गए थे।

क्षुद्रग्रहों को लघु ग्रह भी कहा जाता है। हमारे सौर मंडल के सभी ग्रहों की तरह ये भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। माना जाता है कि क्षुद्रग्रह लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं। अधिकांश क्षुद्रग्रह एक मुख्य क्षुद्रग्रह पट्टी में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति के बीच है।

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इनका आकार 10 मीटर से लेकर 530 किलोमीटर तक हो सकता है।

वैज्ञानिक क्षुद्रग्रह और पृथ्वी के बीच की दूरी को तब देखते हैं जब यह पृथ्वी के करीब आता है। इसके लिए सैटेलाइट और रडार की मदद ली जाती है। मंगल ग्रह और बृहस्पति ग्रह के बीच मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में अधिकांश क्षुद्रग्रह परिक्रमा करते हैं, लेकिन कई क्षुद्रग्रहों की कक्षाएँ पृथ्वी के पास से गुजरती हैं। पृथ्वी के कक्षीय पथ को पार करने वाले क्षुद्रग्रहों को अर्थ-क्रॉसर के रूप में जाना जाता है।

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