Chain Pulling System: ट्रेन में चेन की बढती समस्याओं को देखते हुए, अब चेन पुलिंग सिस्टम में किए बदलाव
Chain Pulling System: अब यात्री चेन को कभी भी और कहीं भी खींचकर ट्रेन को रोक सकते हैं। यह दूसरे यात्री को परेशान करता है और ट्रेन घंटों देर चलती है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को भी FIR दर्ज करना होता है और कोर्ट में भी कागजी कार्यवाही चलती है। अफसर भी चेन पुलिंग के बढ़ते मामले को देखते हुए विचार कर रहे हैं।
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बदलेगा चेन पुलिंग सिस्टम: अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे चेन पुलिंग सिस्टम को बदलना चाहिए। ट्रेन के डिब्बे में जहां पर भी चेन खींचने की सुविधा है, एक मजबूत पारदर्शी बॉक्स उसके आगे लगाया जाएगा। इमरजेंसी में ट्रेन को रोकने के लिए पहले बाक्स को तोड़ना चाहिए। इसके बाद चेन खींचना होगा। लखनऊ स्थित रिसर्च एंड डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने देश भर के सभी जोन के प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर (PCME) को इस बारे में एक पत्र भेजा है। यह प्रणाली लिंक हॉफमैन बुश (HLB) कोच में अब शुरू होगी। डिब्बे में तीन या चार जगह चेन हैंडिल होते हैं।
ट्रेन रुक जाती है जैसे ही इसे खिंचा जाता है, और फिर से चलने में तीन से चार मिनट लगते हैं। Railroad इन मामलों को गंभीरता से ले रहा है और जांच कर रहा है कि किस क्षेत्र में चेन पुलिंग के अधिक मामले हैं। ज्यादा मामले की जांच करने पर पता चला कि लगभग 25 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिनमें यात्री नहीं चाहते हैं और कोई आपातकालीन स्थिति भी नहीं है, फिर भी ट्रेन खींची गई है। परीक्षा के दौरान पता चला कि यात्री इस चेन के साथ अपने बैग को लटका देते हैं, जबकि वे अक्सर ऊपर की बेरथ से नीचे उतरने के लिए इसका सहारा लेते हैं।
रेलवे में बिना कारण के चेन खींचना अपराध है। चेन खींचने का कोई ठोस कारण होना चाहिए। RPF रेलवे एक्ट की धारा 141 के तहत मामला दर्ज करता है और यात्री को गिरफ्तार करता है अगर कोई यात्री चेन खींच देता है। जमानत बाद में मिलती है, लेकिन मामला कोर्ट पहुंचता है। रेलवे इसके लिए एक साल की सजा और एक हजार रुपये की जुर्माना भी लगा सकता है।