DoT : पहली सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस Elon Musk की Starlink नहीं ISRO ने लॉन्च की, हाई-स्पीड Internet मिलेगा
DoT ने भारतीय यूजर्स को $99 (INR 7,500 प्रति पिछले वर्ष की विनिमय दरों) की प्री-बुकिंग राशि वापस करने का आदेश भी दिया था। 1 दिसंबर 2021 तक, starlink ने सभी यूजर्स को रिफंड करते हुए, प्री-बुकिंग बंद कर दी थी।

ISRO : दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस देने के लिए लाइसेंस मांगा है। भारत में इन सर्विसेज के लिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस जरूरी है।
It is provided by the Department of Telecommunication (DoT). Musk's company provides these services to SpaceX under the Starlink brand. ET has published a report regarding this. Starlink is the third company to apply for the GMPCS license.
इससे पहले एयरटेल बैक्ड वनवेब और जियो की सैटेलाइट आर्म जियो स्पेस टेक्नोलॉजी इसके लिए आवेदन कर चुकी है। भारत के स्पेस इंटरनेट सेगमेंट के भीतर starlink के आने से एयरटेल, जियो और अमेजन को तगड़ा कॉम्पिटिशन मिलेगा।
"सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट?"
सैटेलाइट धरती के किसी भी हिस्से से बीम इंटरनेट कवरेज को संभव बनाती है। सैटेलाइट के नेटवर्क से यूजर्स को हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट कवरेज मिलता है। लेटेंसी का मतलब उस समय से होता है जो डेटा को एक पॉइंट से दूसरे तक पहुंचाने में लगता है।
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The starlink kit consists of a Starlink dish, a Wi-Fi router, power supply cables, and a mounting tripod. Dish has to be kept under open sky for high-speed internet. Starlink's app is available on iOS and Android, which does everything from setup to monitoring.
"starlink ने पहले भी की थी कोशिश"
स्टारलिंक की पिछले साल भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना थी और उसने मार्च 2021 के आसपास प्री-बुकिंग लेना शुरू कर दिया था। कंपनी ने भारत के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से ब्रॉडबैंड सेवाओं को डिलीवर करने के लिए मंजूरी मांगी थी।
हालांकि, नवंबर 2021 में DoT ने यह कहते हुए हस्तक्षेप किया कि स्टारलिंक को भारत में काम करने के लिए सभी आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने होंगे।
"प्री-बुकिंग राशि वापस की"
DoT ने भारतीय यूजर्स को $99 (INR 7,500 प्रति पिछले वर्ष की विनिमय दरों) की प्री-बुकिंग राशि वापस करने का आदेश भी दिया था। 1 दिसंबर 2021 तक, starlink ने सभी यूजर्स को रिफंड करते हुए, प्री-बुकिंग बंद कर दी थी।
"कई अन्य अनुमतियों की भी जरूरत"
भारत में सैटेलाइट बेस्ड बॉडबैंड सर्विस देने के लिए GMPCS लाइसेंस के अलावा कई अन्य अनुमतियों की भी जरूरत होती है। स्टारलिंक को अपनी सर्विस प्रोवाइड करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस से अप्रूवल और सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम लेना होगा।
Since the company will also need ground-based satellite gateways in India, it will also need approval from the Indian National Space Promotion and Authorization Center (IN-SPACe). According to a report by EY-ISpA, by 2025, this market can be of $ 13 billion.
"स्टारलिंक के पास सबसे बड़ा कॉन्स्टेलेशन"("Starlink Has Largest Constellation")
स्टारलिंक के पास दुनिया में सबसे बड़ा स्पेस ब्रॉडबैंड कॉन्स्टेलेशन है, जिसमें 3,451 सैटेलाइट लॉन्च किए गए हैं। इनमें से 2,700 से ज्यादा सैटेलाइट इस वक्त ऑपरेशन में हैं। कंपनी की 12,000 सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है।
वहीं एयरटेल के पास परसेंटेज डिप्लॉयड और कवरेज के मामले में सबसे डेवलप्ड सेटैलाइट कॉन्स्टेलेशन है। आकाश अंबानी के नेतृत्व वाली जियो ने सैटेलाइट इंटरनेट के लिए ग्लोबल सैटेलाइट ब्रॉडबैंड प्रोवाइडर SES के साथ हाथ मिलाया है।
"यूक्रेन मामले से चर्चा में starlink"
Starlink has recently been in the news for its use in war-torn Ukraine, where its connectivity is being used. Recently, Elon Musk tweeted that SpaceX cannot fund Starlink's operation indefinitely.
मस्क ने अमेरिकी सरकार से यूक्रेन में इंटरनेट सर्विस को जारी रखने के लिए फंडिंग करने के लिए कहा था। मस्क के अनुसार, वर्तमान में यूक्रेन में 25,300 टर्मिनल हैं, जिनमें से केवल 10,630 ही सर्विस के लिए पेमेंट कर रहे हैं। रूस-यूक्रेन में बीच फरवरी से जंग चल रही है।