अब काटने के साथ बुआई भी करेगी भारत की ये नयी मशीन, प्रदूषण की समस्या भी खत्म
संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे फसल के अवशेषों को भी बुना जा सकता है। यह रोटरी डिस्क ड्रिल है, जिससे किसान अपने खेतों में फसल अवशेष छोड़कर बुआई कर सकते हैं।
खेत से फसल अवशेषों को हटाने की जरूरत नहीं है!
खेत की जुताई करते समय फसल के अवशेष बाधा बनते हैं, इसलिए किसानों को बुआई से पहले फसल के अवशेषों को खेत से हटाना पड़ता था। बीज भी अंकुरित नहीं होता। किसानों को फसल के अवशेषों को पूरी तरह से हटाना पड़ता है। इसलिए कुछ किसान फसल अवशेषों में आग लगाते हैं, जो प्रदूषण पैदा करता है। अब रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन में नवीनतम तकनीक से यह समस्या नहीं होगी।
भी फसल की बुआई करती है यह मशीन की खासियत यह है कि इसका डिस्क ब्लेड खेत में दो से तीन इंच चौड़ा चीरा बनाता है, जिससे फसल के अवशेषों को हटाने की आवश्यकता नहीं होती। इस दरार को बनाने के बाद मशीन बीज और खाद डालकर बुआई करती है। इसके अलावा, यह फसल खेत की मिट्टी के अवशेषों को काटकर आगे बढ़ती है। इस मशीन से गन्ने, मक्का, गेहूं, धान, मूंग और मक्का की फसलें बोई जा सकती हैं।
पेटेंट आवेदन, व्यावसायिक उपयोग की तैयारी: भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान ने रोटरी डिस्क ड्रिल का पेटेंट आवेदन किया है। यह भी जल्द ही उपलब्ध होगा। किसानों को रोटरी डिस्क ड्रिल मशीन का लाभ मिलेगा, इसके व्यावसायिक उपयोग की तैयारी की जा रही है।
मशीन हल्की है और रोटरी डिस्क ड्रिल का वजन हैप्पी सीडर या रोटावेटर की तुलना में बहुत कम है। यह हल्की मशीन है, इसलिए कम हॉर्स पावर वाले ट्रैक्टरों से जोड़ा जा सकता है। जबकि हैप्पी सीटर या रोटावेटर 60 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर की जरूरत होती है, तो इसके लिए 30 से 35 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर की जरूरत होती है।
खेत में फसल अवशेष छोड़ने से खरपतवार को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
पानी की जरूरत कम होगी।
पोषक तत्व मिट्टी में भी रहेंगे।
बायोमास अधिक होगा।
फसल अवशेषों का नियंत्रण होगा।