अब paytm से स्कैन कर से सकते है केदारनाथ में ऑनलाइन दान
हाइलाइट्स
- मंगलवार को फिर से खोले गए केदारनाथ मंदिर के कपाट
- ये चारधाम यात्रा का सबसे दूरस्थ तीर्थ स्थान है
- अब श्रद्धालु Paytm के जरिए पैसे दान कर सकते हैं
नई दिल्ली | केदारनाथ में करें ऑनलाइन दान : केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अच्छी खबर ये है कि अब वे मंदिर में UPI या वॉलेट के जरिए भी पैसे दान कर सकते हैं. क्योंकि, Paytm के स्वामित्व वाली कंपनी One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने इसकी शुरुआत कर दी है. ऐसे में मंदिर में अब Paytm के जरिए पैसे दाने किए जा सकते है. इसके लिए केवल QR कोड को ही स्कैन करने की जरूरत होगी.
अच्छी बात ये है कि जो भक्त अगर बाबा के दरबार तक नहीं भी पहुंच पाएं हैं, वे भी घर बैठे Paytm ऐप के जरिए मंदिर के लिए पैसे दान कर सकते हैं. चाहे आप भारत में कहीं भी रहते हों अब मंदिर में पैसे आसानी से दान कर सकते हैं.(केदारनाथ में करें ऑनलाइन दान) ET Now ने ये जानकारी न्यूज एजेंसी आईएएनएस के हवाले से दी है.
पेटीएम के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, ‘भारत में QR और डिजिटल पेमेंट्स के अग्रणी होने के नाते, हमने केदारनाथ मंदिर पर डिजिटल दान की शुरुआत की है.(केदारनाथ में करें ऑनलाइन दान) यहां श्रद्धालु मंदिर में Paytm क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और पेटीएम यूपीआई, पेटीएम वॉलेट और अन्य माध्यमों से भुगतान कर सकते हैं.’
मंगलवार को खोले गए कपाट
आपको बता दें कि केदारनाथ मंदिर चारधाम यात्रा का सबसे दूरस्थ तीर्थ स्थान है और मंगलवार को भक्तों के लिए इसके कपाट फिर से खोल दिए गए. मंदिर के कपाट को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया. (केदारनाथ में करें ऑनलाइन दान) यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई.
कपाट खुलने के साथ ही अब मंदिर में आने वाले भक्त पेटीएम क्यूआर कोड को आसानी से स्कैन कर सकते हैं और पेटीएम वॉलेट, पेटीएम यूपीआई लाइट, पेटीएम पोस्टपेड और पेटीएम यूपीआई के जरिए पेमेंट कर सकते हैं.
उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं. (केदारनाथ में करें ऑनलाइन दान) साथ ही उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से ये भी अपील की है कि मौसम की जानकारी लेकर ही दर्शन के लिए आएं, ताकि किसी को भी मौसम की वजह से कोई असुविधा न हो.