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This car of Maruti is getting less than the bike, know the rate

बाइक से भी कम कीमत पर मिल रही मारुती की ये कार, जानिए रेट भारत में बीते कुछ सालों से Used Car या कहें तो सेकंड हैंड कारों का मार्केट काफी बूम पर है और कई बड़ी वाहन निर्माता भी इसी व्यापार से अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. यूज्ड कारों को खरीदना नई कार खरीदने
 
This car of Maruti is getting less than the bike, know the rate

बाइक से भी कम कीमत पर मिल रही मारुती की ये कार, जानिए रेट

भारत में बीते कुछ सालों से Used Car या कहें तो सेकंड हैंड कारों का मार्केट काफी बूम पर है और कई बड़ी वाहन निर्माता भी इसी व्यापार से अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. यूज्ड कारों को खरीदना नई कार खरीदने से भी आसान है और इन्हें मार्केट, वेबसाइट या फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भी खरीदा जा सकता है. यहां ग्राहकों को सर्टिफाइड सेकेंड हैंड कारें बेची जाती हैं और इनके साथ आपको वारंटी भी मिलती है. Maruti True Value से लेकर महिंद्रा फर्स्ट चॉइस और कार देखा से लेकर कार्स 24 तक कई कंपनियां यूज्ड कारों की जेनुइन डील देती हैं. अगर आप होली पर सेकेंड हैंड मारुति सुजुकी ऑल्टो खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो यहां हम आपको कुछ डील्स की जानकारी दे रहे हैं.

बाइक से भी सस्ती Alto

इस मार्केट में ग्राहकों को बहुत सारे विकल्प मिलते हैं और मारुति ट्रू वेल्यू पर यूज्ड मारुति ऑल्टो उपलब्ध है. कार बहदुरगढ़ से रजिस्टर्ड है और कुल 90,000 किमी चली हुई है. 2007 मॉडल ये कार फर्स्ट ओनर है और इसकी कीमत मालिक ले 49,000 रुपये लगाई है जो काफी अच्छी कंडिशन में नजर आ रही है. सिल्वर रंग में मारुति सुजुकी ऑल्टो मारुति ट्रू वेल्यू पर मिल रही है जिसकी ज्यादा जानकारी आप कंपनी ने संपर्क करके ले सकते हैं.

Alto का STD मॉडल भी उपलब्ध

ट्रू वेल्यू पर मारुति ऑल्टो का एसटीडी मॉडल भी उपलब्ध है जो ग्राहकों के बीच काफी पसंद किया जाता है. इस सेकेंड हैंड कार की कीमत 85,000 रुपये मांगी जा रही है और ये कुल 85,808 किमी चली है. ये कार भी 2007 मॉडल है, लेकिन सेकेंड ओनर कार है. फोटो देखकर ये कार डार्क ग्रे रंग की नजर आ रही है और इसकी ज्यादा जानकारी के लिए ग्राहकों को ट्रू वेल्यू पर संपर्क करना चाहिए.

खरीद से पहले ध्यान दें

यूज्ड कार खरीदने से पहले और खरीदते समय ग्राहकों को अहम बातों पर ध्यान देना चाहिए. सबसे पहले कार के तमाम पेपर्स की जांच खुद करें, इसके अलावा बीतें सालों का क्लेम भी ट्रैक कर लें. पेपर्स के असली होने की तसल्ली के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू करें. कार की टेस्ट ड्राइव जरूर करके देखें और संभव हो तो एक मैकेनिक को भी साथ लेकर जाएं, इससे कार के इंजन और बाकी सभी दिक्कतों की आपको साफ जानकारी मिलेगी और आप ठगे नहीं जाएंगे.

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