logo

Draupadi Murmu: जीत में बड़ा लाभ देख रही भाजपा, विपक्ष की बढ़ी दिक्कतें

President: द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने के बाद सामाजिक समीकरणों पर व्यापक असर पड़ेगा ही, भाजपा को इसका राजनीतिक लाभ भी मिलेगा।
 
Draupadi Murmu: जीत में बड़ा लाभ देख रही भाजपा, विपक्ष की बढ़ी दिक्कतें

Haryana Update: भाजपा ने आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचा कर सबसे पिछड़े वर्गों में एक आदिवासी समुदाय को अपने साथ खड़ा कर लिया है।

साथ ही, देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को भी बड़ा संदेश दिया है। संदेश साफ है कि महिला सशक्तिकरण उसका वादा ही नहीं, पक्का इरादा भी है।

 

 

राजनीतिक दृष्टि से भाजपा को इसका सीधा लाभ देश की 47 लोकसभा और 487 विधानसभा सीटों पर मिलने की संभावना है जो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा अन्य तमाम सीटों पर भी इस वर्ग का समर्थन उसे हासिल हो सकता है।

Chief Minister Ashok Gehlot: मोदी हमारी नहीं सुनते आप समझाओ, बोले गहलोत

यह भाजपा के लिए आने वाले विभिन्न राज्यों और 2024 के लोकसभा चुनाव में मददगार हो सकता है, लेकिन भाजपा की रणनीति यही तक सीमित नहीं है। हाल में पार्टी ने अगले 25 से 30 साल तक लगातार सत्ता बरकरार रखने का अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया था। ऐसे में उसे समाज के विभिन्न वर्गों में अपनी मजबूत पैठ बनानी है।

आधी आबादी को संदेश
आदिवासी समुदाय को साधने के साथ ही भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू के जरिए देश की आधी आबादी को भी संदेश दिया है। महिला आदिवासी राष्ट्रपति होना एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भाजपा ने साफ किया है कि महिला सशक्तिकरण केवल उसका वादा ही नहीं है, बल्कि पक्का इरादा भी है। वह विभिन्न स्थानों पर महिलाओं को लगातार राजनीतिक रूप से आगे ला रही है। गौरतलब है कि हाल के चुनाव में भाजपा को विभिन्न समुदायों की महिलाओं का काफी समर्थन प्राप्त हुआ है। यही वजह है कि कई राजनीतिक विश्लेषकों के चुनावी अनुमान भी गलत साबित हुए हैं।

विपक्ष की दिक्कतें बढ़ीं
मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने पहले ही विपक्ष की दिक्कतें बढ़ा दी थी। यही वजह है कि द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के बाद विपक्षी खेमे के तीन दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा, शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल का समर्थन भी उन्हें मिला। इसके बाद मतदान के दौरान कई राज्यों में क्रॉस वोटिंग भी मुर्मू के पक्ष में हुई। इसके पहले भाजपा ने पिछली बार रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाने का फैसला कर दलित समुदाय को भी संदेश दिया था। जिसका लाभ भाजपा को चुनाव में भी मिला है और दलित समुदाय में अपनी पैठ मजबूत करने में भी।

IND VS WI: गरजा भारतीय बल्लेबाजों का बल्ला, गेंद को मार-मारकर गेंदबाजों के कान सुन्न कर दिए

देश की चुनावी राजनीति में अभी भी जाति और सामाजिक समीकरण काफी अहम है। ऐसे में किसी भी बड़े पद की नियुक्ति में इन समीकरणों को साधना राजनीतिक दलों के लिए जरूरी होता है। भाजपा अपने राजनीतिक एजेंडे में इन समीकरणों को साध कर लगातार आगे बढ़ रही है।

click here to join our whatsapp group