Adampur Elections: CM खट्टर-धनखड़ ने BJP की मीटिंग बुलाई, जजपा-इनेलो कैंप में दिखी खामोशी
कांग्रेस-AAP ने भी कैंडिडेट की तलाश तेज कर दी है। पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दूसरों दलों के नेताओं पर नजर गड़ा दी है।
हांलाकि उपचुनाव को लेकर JJP और इनेलो की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। JJP भाजपा को सहयोग करेगी। वहीं इनेलो इस चुनाव के जरिए अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस लाने की कोशिश कर सकती है।
6 अक्टूबर को BJP की मीटिंग
BJP के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने उपचुनाव को लेकर 6 अक्टूबर को मीटिंग कॉल की है। मीटिंग में CM मनोहर लाल के साथ कैबिनेट मंत्री और प्रदेश पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
पंचकूला में होने वाली इस अहम मीटिंग में आदमपुर उपचुनाव को लेकर अहम फैसले किए जाएंगे। इससे पहले पार्टी ने प्रभारी और सह प्रभारी की नियुक्ति की घोषणा कर दी है।
बिश्नोई के कांग्रेस छोड़ने के बाद नए चेहरे की तलाश में कांग्रेस
कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद आदमपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के पास अभी कोई कैंडिडेट नहीं है। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और MP दीपेंद्र हुड्डा सहित अन्य पार्टी के नेताओं ने चुनाव लड़ने वाले चेहरे की तलाश तेज कर दी है।
दीपेंद्र हुड्डा आदमपुर में लगातार सक्रिय हो गए हैं। वह आदमपुर से बाहर होने पर कार्यकर्ताओं से लगातार एरिया का अपडेट ले रहे हैं।
JJP और इनेलो चुनाव को लेकर ज्यादा एक्टिव नहीं
JJP और इनेलो की आदमपुर उपचुनाव को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला सीएम मनोहर लाल के साथ दुबई दौरे पर हैं। पार्टी के नेता यही वजह बता रहे हैं।
देश में थर्ड फ्रंट की तैयारी कर रहे इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला आदमपुर उपचुनाव को लेकर जीत का दावा तो जरूर कर रहे हैं, लेकिन अभी तक तैयारियां धरातल पर नहीं दिखाई दे रही हैं।
AAP तलाश रही आम चेहरा
हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) भी आदमपुर उपचुनाव की तैयारियों में जुट गई है। दिल्ली में बैठे पार्टी आलाकमान ने एक अहम बैठक बुलाई है।
जिसमें राज्य के पदाधिकारियों के साथ ही पंजाब के CM भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल इसमें कैंडिडेट के नामों पर चर्चा कर फैसला लेंगे।
पार्टी नेताओं के अनुसार चुनाव में आम चेहरा उतारा जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क जैसे मूलभूत सुविधाओं के मुद्दे पर ही पार्टी चुनाव लड़ने की योजना बना रही है।
आदमपुर में सभी दलों के लिए चुनौतियां...
BJP के आगे आदमपुर को सत्ता के साथ लाना चुनौती : हरियाणा में BJP सत्ताधारी दल है। 1996 से आदमपुर विधानसभा सीट विपक्ष के पास रही है।
ऐसे में 3 नवंबर को होने वाले चुनाव में भाजपा आदमपुर को सत्ता के साथ लाने के लिए भरसक प्रयास करेगी। इस चुनाव को जीत कर CM मनोहर लाल खट्टर अपने कामकाज पर भी मुहर लगा पाएंगे। साथ ही इस जीत से पंचायत चुनाव में भी पार्टी को संजीवनी मिल सकेगी।
कांग्रेस में हुड्डा गुट की साख दांव पर :
आदमपुर उपचुनाव में पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ग्रुप की साख दांव पर लगी है। हालांकि अभी पार्टी के नेता जिताऊ चेहरा ही तलाश रहे हैं।
आदमपुर में हमेशा से ही कांग्रेस प्रत्याशी की ही विजय हुई है, लेकिन इस बार भजन लाल परिवार भाजपा के साथ होने की वजह से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।
AAP खोने को कुछ नहीं :
हरियाणा के आदमपुर उपचुनाव को लेकर AAP के पास खोने को ज्यादा कुछ नहीं है। इतना जरूर है कि अगर वह जीत जाते हैं तो अगले पंचायत चुनाव और उसके बाद लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में इसे भुना सकते हैं। आप की पूरी कोशिश होगी कि आदमपुर के रास्ते हरियाणा विधानसभा में उनकी एंट्री हो सके।
इनेलो की जीत से ही खड़ी होगी पार्टी :
आदमपुर विधानसभा के उपचुनाव में इनेलो के लिए जीतना बेहद जरूरी है। इस जीत से ही कभी हरियाणा में दबदबे वाली इनेलो दोबारा खड़ी हो सकेगी। पार्टी अभी फिलहाल एक ऐसे चेहरे की तलाश कर रही है जो जन नेता हो।