किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी का ऐलान, आदमपुर उपचुनाव में BJP का करेंगे विरोध
Adampur Elections: उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन खत्म करते वक्त जो समझौता केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच हुआ था, उसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया।
जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। इससे पहले किसान ऐलनाबााद में भी भाजपा को सबक सिखा चुके हैं। जहां इनेलो के अभय चौटाला से भाजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा हार गए।
केंद्र और राज्य सरकार वादों पर खरी नहीं उतरी : चढ़ूनी
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बरवाला में किसानों के साथ मीटिंग करने के बाद कहा कि आदमपुर उप चुनाव में भाजपा-जजपा का विरोध करना है।
आंदोलन में किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया। सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतरी। आदमपुर के भाई इस आंदोलन को सपोर्ट कर सकते हैं।
इसलिए भाजपा- जजपा को छोड़कर किसी को वोट डालें, जो इन्हें हरा सकता है। इसलिए इन्हें सबक सिखाए।
संयुक्त किसान मोर्चा का 20 अक्टूबर तक अल्टीमेटम वर्ना विरोध
आदमपुर और बालसमंद के किसानों का मुआवजा रोकने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) हिसार की भी किसान रेस्ट हाउस में मीटिंग हुई। जिसमें फैसला लिया गया कि 17 अक्टूबर से बालसमंद तहसील में दोबारा धरना शुरू होगा।
20 अक्टूबर को आदमपुर में किसान महापंचायत होगी। इसमें हिसार के किसान पहुंचे। अगर 20 अक्टूबर तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला तो किसान बीजेपी- जजपा उम्मीदवार का आदमपुर उप चुनाव में विरोध करेंगे।
ऐलनाबाद उप चुनाव में टिकैत ने किया था अभय का समर्थन
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के पास होने के विरोध में अभय चौटाला ने 27 जनवरी 2021 को इस्तीफा दिया था। उप चुनाव में किसानों ने भाजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा का विरोध किया।
हालांकि भारतीय किसान यूनियन टिकैत के नेता राकेश टिकैत ने ऐलनाबाद में किसानों के मंच से कहा था कि जो आदमी तुम्हारे पास अपनी गठरी छोड़कर गया था, अब उसे सवाया करके लौटा दो।
उनका इशारा अभय चौटाला को वोट देने का था। जबकि चढूनी ने किसानों से भाजपा को छोड़कर किसी भी उम्मीदवार को वोट देने की अपील की थी।
तब उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को विरोध के चलते पुलिस सुरक्षा में प्रचार करना पड़ा था। चुनाव में अभय चौटाला ने गोबिंद कांडा को 6708 वोट से हराया था।
पंजाब विधानसभा चुनावों में नहीं जीता कोई उम्मीदवार
किसान आंदोलन के बाद पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में किसान संगठनों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने संयुक्त संघर्ष पार्टी का गठन किया था और खुद चुनाव न लड़कर अपने समर्थकों को चुनाव लड़वाया।
पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की संयुक्त समाज मोर्चा से गठबंधन करके पंजाब की 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। परंतु कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं सका। राजेवाल खुद भी हार गए।