इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला बनेंगे फतेहाबाद रैली में तीसरे मोर्चे की धुरी, जानिए पूरी खबर
Haryana Update.इनेलो 18 साल बाद फिर से फतेहाबाद की धऱती पर रैली करने जा रही है। पिछली बार सन 2004 में इनेलो की सबसे बड़ी रैली यहीं हुई थी।
उस समय इनेलो सत्ता में थी और प्रदेश की बागडोर इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के हाथों में थी। इस बार की सम्मान दिवस रैली कई मायनों में ऐतिहासिक रैली हो सकती है।
2004 की उस बड़ी रैली में नितिश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी आए थे।
1989 में शुरू हुआ सम्मान दिवस मनाने का शुभारंभ
चौधरी देवीलाल के जन्मदिवस पर रैलियों का यह सिलसिला स्वयं चौधरी देवीलाल जी ने करीब 33 साल पहले 1989 में नई दिल्ली के वोट क्लब से शुरू किया था। उस वक्त चौधरी देवीलाल जी हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और राष्ट्र स्तर पर विपक्ष की धुरी बन चुके थे।
जन्मदिवस से ही चौधरी देवीलाल ने अपने 75वें जन्मदिवस पर पहली बार विशाल सम्मान दिवस रैली आयोजित की थी। उन्होंने अपनी राजनीतिक सूझबूझ और ताकत से विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का काम किया था, ठीक उसी प्रकार चौधरी ओमप्रकाश चौटाला पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।
इनेलो में लौट रही है पुरानी रंगत
वर्तमान समय में इनेलो सिरसा लोकसभा की सभी सीटों पर सबसे ज्यादा मजबूत स्थिति में मानी जा रही है। ऐसे में फतेहाबाद रैली में इनेलो अपना पूरा दमखम दिखाने का भरसक प्रयास करेगी और इस प्रयास में इनेलो सफल होती हुई लग रही है।
जिस तरह इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और महासचिव चौधरी अभय सिंह चौटाला विभिन्न गांवों के दौर कर रहे हैं तथा उन्हें उन दौरों में मिल रहा विशाल समर्थन इस बात की तरफ साफ इशारा कर रहा है कि इनेलो एक फिर से अपनी पुरानी रंगत में लौट रही है।
देशभर से रैली में करेंगे कद्दावर नेता शिरकत
फतेहाबाद की ऐतिहासिक में रैली में तीसरे मोर्चे के गठन के कयास लगाए जा रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि इनेलो इस रैली के माध्यम से तीसरे मोर्च की नींव रखने में कामयाब हो सकती है।
इस बार की रैली में पंजाब के पूर्व सीएम एवं शिरोमणि अकाली दल सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जेडीयू के केसी त्यागी, महाराष्ट्र के बड़े कद्दावर एवं आरजेडी नेता शरद पवार, तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फार्रुख अब्दुल्ला, पश्चिम बंगाल से सीएम ममता बनर्जी व सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, राजस्थान से सांसद हनुमान बेनीवाल, भादरा के विधायक बलवान पुनिया, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। इन सभी को निमंत्रण मिल चुका है और ज्यादातर नेताओं ने रैली में शिरकत की हामी भरी है।
विशाल मंच से होगा बदलाव का आगाज
देश और प्रदेश की राजनीति में फतेहाबाद रैली एक बड़े बदलाव की द्योतक बन सकती है। इसलिए इनेलो ने इस बार फतेहाबाद की नई अनाज मंडी में चार मंच बनाए हैं।
पहला मंच 100 फीट का होगा, जिसमें देशभर के कद्दावर नेता विराजमान होंगे। बाकी 3 मंच 50 फीट के बनाए जा रहे हैं, जिनमें प्रदेश के नेता, कार्यकर्ता, मीडिया एवं कलाकार विराजमान होंगे।
युवाओं एवं महिलाओं की भागीदारी तोड़ेगी रिकॉर्ड
रैली की तैयारियां जहां एक तरफ पूरे जोरशोर से चल रही हैं, वहीं निमंत्रण देने की कमान पार्टी के सभी नेताओं ने संभाली हुई। नेताओं द्वारा गांव-गांव जाकर रैली के निमंत्रण दिए जा रहे हैं।
खासकर युवाओं और महिलाओं की भागीदारी से पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ने की उम्मीद की जा रही है। इनेलो के युवा प्रभारी कर्ण सिंह चौटाला और आईएसओ प्रभारी अर्जुन सिंह चौटाला ने युवाओं के बीच अपनी गतिविधियां काफी तेज की हुई हैं। वहीं दूसरी तरफ सुनौना चौटाला भी लगातार महिलाओं के बीच कार्यक्रम कर रही हैं।
इनेलो का मजबूत संगठन दिखाएगा ताकत
इनेलो ने पिछले कुछ महीनों में अपने सभी प्रकोष्ठों को गांव और शहर के सभी बूथों तक विस्तार दिया है। जिससे इनेलो के संगठन में मजबूती और तरोताजगी साफ दिख रही है। वहीं फतेहाबाद रैली में विशाल भीड़ जुटाने के लिए इनेलो ने गांव वाइज और शहरों में वार्ड वाइज डयूटियां लगाई हैं।
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ताकि रैली में एक विशाल जनसमूह को व्यवस्थित ढंग से बैठाया जा सके। इस रैली में देशभर से आने वाले कार्यकर्ताओं को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसके लिए व्यापाक स्तर पर प्रबंध किए गए हैं।
हरी चुनरी-हरा सूट और हरी पगड़ी
फतेहाबाद रैली में इस बार हरी चुनरी और हरे सूट में महिलाओं और हरी पगड़ी में पुरुषों की ऐतिहासिक भागीदारी मुख्य आकर्षण के केंद्र रहेगी।
कई साल बाद इनेलो इस बार पूरे जोश में दिख रही है और उसे अपना जनाधार वापिस आता हुआ दिख रहा है, क्योंकि जेजेपी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया था। जिसके कारण कार्यकर्ता वापिस इनेलो की तरफ लौट रहे हैं।
देश में नए राजनीतिक बदलाव की गवाह बनेगी रैली
इनेलो की फतेहाबाद में आयोजित रैली प्रदेश ही नहीं देश में नए राजनीतिक बदलाव की गवाह बनने का काम करेगी। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चाएं भी हैं कि रैली वाले दिन प्रदेश के काफी नेता दूसरे दलों को छोड़कर इनेलो में शामिल हो सकते हैं।
चौधरी ओमप्रकाश चौटाला बनेंगे तीसरे मोर्चे की धुरी
ठीक उसी तर्ज पर इस बार चौधरी ओमप्रकाश चौटाला भाजपा विरोधी विपक्ष की धुरी बनने का काम कर रहे हैं। वोट क्लब पर चौधरी देवीलाल जी ने अपना 75वां जन्मदिवस मनाया था। उस रैली में जन-सैलाब उमड़ा था और वो रैली विपक्षी एकता की नींव भी रखी गई थी।
अपने पिता की तरह ओमप्रकाश चौटाला राज्य स्तर सियासी ताकत का प्रदर्शन करेंगे तो वहीं बड़े विपक्षी नेताओं को अपने मंच पर लाकर तीसरे मोर्चे के गठन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।चौधरी देवीलाल जी के जयंती समारोह में जननायक को नमन करने के लिए हरियाणा और देश भर से लाखों की संख्या में लोग शिरकत करेंगे।
देश और प्रदेश में अभी तक लोगों के पास कोई राजनीतिक विकल्प नहीं था, मगर 25 सितंबर को भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ तीसरे मोर्चे के गठन की शुरूआत होगी।
चौधरी देवीलाल की जयंती पर हरियाणा के फतेहाबाद में 25 सितंबर को होने वाली रैली के जरिए चौधरी ओमप्रकाश चौटाला बीजेपी विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसकी सफलता समय तय करेगा। यह मंच विपक्षी एकता की जगह तीसरा मोर्चे जैसी कवायद साबित हो सकती है।
चौधरी देवीलाल जी ने किया हमेशा विपक्ष को एकजुट
चौधरी देवीलाल ने 1977 और 1989 में पूरे विपक्ष को एकजुट किया था। चौधरी देवीलाल ने भी हरियाणा की धरती से ही एक बड़ी रैली करते हुए पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला था। आज बीजेपी अपनी जन-विरोधी नीतियों के कारण विपक्ष की साझा सियासी दुश्मन बन गई है।
चौधरी देवीलाल ने 23 मार्च 1986 को जींद में एक ऐतिहासिक रैली की थी। इसके बाद चौधरी देवीलाल एक जननेता के रूप में उभरे थे। इस रैली के बाद 1987 के विधानसभा चुनाव में देवीलाल के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत की सरकार बनी थी।
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जननायक चौधरी देवीलाल जी के 109वें जन्मदिवस पर 25 सितंबर को फतेहाबाद में ऐतिहासिक 'सम्मान दिवस' रैली को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है।
स्वर्गीय चौधरी देवीलाल जी ने हमेशा विपक्ष को एकजुट करने का काम किया है। हरियाणा की धरती से सभी विपक्ष के नेताओं से चर्चा करके एक नए राजनीतिक बदलाव की शुरुआत के लिए इनेलो पूर्णत: प्रयासरत है।