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लोकसभा चुनाव 2024: एक और बीजेपी तो दूसरी और कांग्रेस, हरियाणा के आगामी चुनावों में किसका पलड़ा रहेगा भारी

Hariyana news: 2024 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव निकट हैं । बीजेपी और कांग्रेस की रणनीति का माहौल देखने लायक है । 

 
 एक और बीजेपी तो दूसरी और कांग्रेस, हरियाणा के  आगामी चुनावों में किसका पलड़ा रहेगा भारी 

Haryana Update: जहां एक और बीजेपी के 9 साल पूरे होने ही वाले हैं वहीं दूसरी और अब हरियाणा में होने वाले चुनावों के लिए बीजेपी व कांग्रेस ने कमर कस ली है ।

 Hariyana Congress: 

कांग्रेस पानीपत की रैली से चुनावी गतिविधियां शुरू करने जा रही है । पानीपत में होने वाली इस विशाल रैली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा  व  दीपेंद्र हुड्डा हाथी  पर विराजमान होकर रैली का हिस्सा बनेंगे ।

पूरी कांग्रेस इस रैली के लिए कार्य में लगी हुई है । यह रैली 18 जून को होगी । 

 

जनता से बातचीत :

मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित तमाम मंत्री व विधायक प्रदेश में जनसंवाद कार्यक्रम कर रहे हैं. अब हरियाणा कांग्रेस भी बीजेपी की तर्ज पर जनसभा का आयोजन करने जा रही है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पानीपत में इसकी शुरुआत करेंगे. वह गोल मेज पर बैठेंगे और कार्यकर्ताओं के साथ- साथ लोगों से भी चर्चा करेंगे.

इस दौरान हरियाणा कांग्रेस के नेता फील्ड से फीडबैक लेकर आगे की रणनीति पर काम करेंगे.

 

बीजेपी :

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी 18 जून को सिरसा से चुनावी आगाज करने जा रही है. इस दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रैली में शामिल होंगे. इसके बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हरियाणा आएंगे.

उनके गृह मंत्री अनिल विज के जिला अंबाला में होने वाली रैली में भी शामिल होने की संभावना है. हरियाणा में होने वाली रैलियों में और केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़े चेहरे हिस्सा लेंगे.

 

कांग्रेस नेताओं का प्रभाव :

हरियाणा कांग्रेस की इस महारैली में एक बार फिर गुटबाजी खुलकर सामने आएगी. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी तक इन रैलियों में हुड्डा गुट के अलावा किसी अन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया है.

अभी हरियाणा में आधा दर्जन कांग्रेस गुट हैं. हालांकि, प्रभावशाली गुट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा का माना जाता है.

कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सदस्य और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी शैलजा, पूर्व मंत्री किरण चौधरी और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव का प्रभाव भी कुछ कम नहीं है.

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