logo

"श्री गुरु स्तुति" के पाठ करने से प्रसन्न होते है सभी देवता, ये है "गुरु स्तुति"

Guru Stuti: किसी भी पूजा को सफल बनाने के लिए सबसे पहले गुरु को प्रसन्न करना होता है, तभी कोई पूजा सफल होती है। इसका प्रमाण वेदों, ग्रंथो, शास्त्रों सभी मे मिलता है। आप भी पूजा करने से पहले गुरु की स्तुति करके उन्हे प्रसन्न कर सकते है, जिससे सभी देवता भी प्रसन्न होतेहै।
 
Guru Stuti

श्री गुरु – स्तुति

 

ईश्वर से गुरु अधिक, घोर भक्ति सुजान ।

गुरु बिना भक्ति नहीं, लहे न आत्म ज्ञान॥

 

गुरु ज्ञान दीपक दियो, अरु दियो आत्म ज्ञान।

सागर मे डूबत था, गुरु किन्हों कल्याण॥

Guru Puja Stuti

गुरु सेवा बड़े भाग्य से मिलती है।

मन वाणी गुरु को रटे, सो शिष्य होते निहाल ॥

 

माता पिता सभी परिजन, नित्य बताओ नाम।

जगत स्वप्न ब्रह्मा सत्य, और गुरु दीन्हों ज्ञान॥

 

जो गुरु सेवा करे, हृदय पवित्र होय।

नित्य उठ जो दर्शन करे, लख चौरासी लख फंद छुड़ाये ॥

गुरु कृपा ब्रह्म ज्ञान है, निश्चय हो जान ।

गुरु की निंदा जो करे, कुकर सुकर होय।

नरकों मे वास करे, रक्षा करे न कोय।

गुरु की निंदा नहीं करो, मुक्ति नही होय॥

पारस और गुरुदेव मे इतना अंतर जान।

पारस लोह सुवर्ण करे, गुरु करे समान।

गुरु ऋण कभी न उतरे, गुरु करे उपकार॥

मृत्यु पाश छुड़ाई के, दोनों तत्व बताए ।

तन मन धन वाणी सभी, गुरुसन भेंटयो जाये।

मौसम दिन मलीन को दोनों फन छुड़ाए॥

गुरु समान दाता नहीं, मो समान अति दीन।

करूँ प्रणाम गुरुदेव को॥

गुरु ब्रह्मा, गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वर।

गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः॥आ

click here to join our whatsapp group