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चंद्रग्रहण के पेट में पल रहे शिशु पर होते हैं यह हानिकारक असर, पढ़िए...

चंद्र ग्रहण का गर्भावस्था पर असर: कोई भी ग्रहण हो भारतीय शास्त्रों में इसे राहू-केतू का ग्रास माना जाता है. यानी ग्रहण तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा को राहू, केतू ग्रसित कर लेते हैं. ग्रहण के कुछ ऐसे असर है जो सीधा गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है, आइये जानते है ग्रहण से जुडी कुछ ऐसे बातें...
 
चंद्रग्रहण के पेट में पल रहे शिशु पर होते हैं यह हानिकारक असर, पढ़िए...

हाइलाइट्स

  • नासा के मुताबिक ग्रहण का शरीर पर कोई भी फिजिकल प्रभाव नहीं पड़ता है
  • साइंस में स्पष्ट है कि ग्रहण का दुष्प्रभाव प्रेग्नेंसी में सिर्फ झूठ का पुलिंदा है.

चंद्र ग्रहण का गर्भावस्था पर असर: कोई भी ग्रहण हो भारतीय शास्त्रों में इसे राहू-केतू का ग्रास माना जाता है. यानी ग्रहण तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा को राहू, केतू ग्रसित कर लेते हैं. इसलिए इस समय को खराब माना जाता है और इससे कई तरह के नुकसान की बातें भी कही जाती है.(चंद्र ग्रहण का गर्भावस्था पर असर) हालांकि इसे लेकर क्या वैज्ञानिक मान्यताएं हैं, ज्यादातर लोगों को इसके बारे में कुछ नहीं पता.

ऐसा कहा जाता है कि सूर्यग्रहण हो या चंद्रग्रहण, इनमें गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि ग्रहण का दुष्प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है. कहा जाता है कि ग्रहण की छाया गर्भ में पल रहे बच्चे पर नहीं पड़नी चाहिए. (चंद्र ग्रहण का गर्भावस्था पर असर)ग्रहण को लेकर यह बात सिर्फ भारतीय मान्यताओं में ही नहीं है बल्कि कई सभ्यताओं में इसे लेकर कई तरह की बातें कही जाती है.

मैक्सिकन मान्यताओं में कहा जाता है कि यदि कोई प्रेग्नेंट महिला ग्रहण को देखती हैं तो उसके पेट में पल रहे बच्चे के चेहरे को काट लिया जाता है. यानी जन्म के उसके बच्चे का चेहरा विकृत हो जाता है. ये सारी बातें धार्मिक मान्यताओं में कही जाती है.(चंद्र ग्रहण का गर्भावस्था पर असर) ग्रहण के इसी मान्यताओं को लेकर हमने सर गंगाराम अस्पताल में वरिष्ठ गायनेकोलॉजिस्ट और एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. साक्षी नायर से बात की.

उनसे पूछा कि क्या सच में ग्रहण से प्रेग्नेंट महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान होता है.(चंद्र ग्रहण का गर्भावस्था पर असर) उन्होंने कहा कि साइंस में ग्रहण का प्रेग्नेंट महिलाओं पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता.

चंद्रग्रहण के नुकसान 
डॉ. साक्षी नायर ने कहा कि आम नागरिकों में सूर्य या चंद्रग्रहण से निकले रेडिएशन का दुष्प्रभाव हो सकता है. इससे सबसे ज्यादा आंखों को नुकसान पहुंचता है. इसलिए एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. हालांकि चंद्रग्रहण में इसका उतना असर नहीं होता है लेकिन आंखों में चश्मा लगाकर ग्रहण को देखें तो अच्छा रहेगा. नासा के मुताबिक ग्रहण का शरीर पर कोई भी फिजिकल प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन चूंकि लोगों के मन में इसके खिलाफ धारणाएं हैं, इसलिए इसका मनोवैज्ञानिक असर होता है. इस मनोवैज्ञानिक असर से अन्य तरह की परेशानियां हो सकती है.

चंद्रग्रहण के प्रभाव 
डॉ. साक्षी नायर ने बताया कि किसी भी तरह का ग्रहण क्यों न हो, इससे प्रेग्नेंट महिलाओं को नुकसान होने की बातें सिर्फ मिथ है. विज्ञान में इसे लेकर स्पष्ट है कि चंद्र ग्रहण से कोई नुकसान नहीं है. उन्होंने कहा कि साइंस में स्पष्ट है कि ग्रहण का दुष्प्रभाव प्रेग्नेंसी में सिर्फ झूठ का पुलिंदा है. इसके अलावा कुछ नहीं है. ऐसा कहीं कुछ नहीं है कि प्रेग्नेंट महिला के पेट में पल रहे बच्चे को इससे नुकसान होता है. डॉ. साक्षी नायर ने बताया कि चंद्र ग्रहण से जो आम लोगों को परेशानी हो सकती है, वहीं परेशानी प्रेग्नेंट महिलाओं को भी हो सकती है. यानी प्रेग्नेंट महिलाओं को अलग से कोई परेशानी नहीं होगी. न ही उसके पेट में पल रहे बच्चे को कोई नुकसान होगा.


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