Haryana News : ढाई घंटे में हरियाणा से देहरादून पहुंचना अब होगा मुश्किल, कंपनी ने प्रोजेक्ट का पैसा कहीं और लगा अटका दिया काम
माना जा रहा है कि अब कंपनी पर कार्यवाई भी शुरू कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के निर्देश पर ही एनएचएआई द्वारा कागजी कार्यवाई को शुरू किया गया है। ऐसे में मार्च के आखिर तक कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है।
वहीं बैंक गारंटी को जब्त करने की बात भी कही जा रही है। ऐसे में इस कारण से एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य रुक गया है। खबरों के मुताबिक एनएचएआई विभाग में भी इस पर काम करना शुरू कर दिया है और जल्द ही अब टेंडर प्रक्रिया भी नए सिरे से शुरू की जा सकती है।
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कंपनी ने दूसरे प्रोजेक्ट में लगाया पैसा
NHAI के अधिकारियों के द्वारा ही इस बात के बारे में जानकारी दी गई है कि एक्सप्रेस वे के दूसरे चरण के निर्माण के लिए निजी कंपनी को बीते वर्ष चुना गया था जिसके निर्माण के लिए 1350 करोड़ का बजट रखा गया था।
कंपनी ने भी शुरुआत में थोड़ा बहुत काम शुरू किया था जिसके लिए NHAI द्वारा 65 करोड़ की किश्त भी दे दी गई थी। लेकिन इसके बाद कंपनी ने दिल्ली देहारादून एक्सप्रेस वे (Delhi-Dehradoon Express Way) के निर्माण कार्य को रोक सा दिया और किसी भी तरह का काम आगे नहीं बढ़ा।
काम करना संभव नहीं है
ऐसे में अधिकरियों ने कंपनी से काम न करने के पीछे का कारण पूछा तो कंपनी ने बार बार काम को दोबारा से शुरू करने का भरोसा दिलाया। लेकिन इसके बावजूद भी काम शुरू नहीं हुआ जिसके बाद NHAI ने इस बात का पता करना शुरू किया और जांच में पता चला कि कंपनी 65 करोड़ रूपये एक्सप्रेस वे (Express Way) के निर्माण के बजाए किसी दूसरे प्रोजेक्ट में लगा चुकी है।
दबाव में अब कंपनी ने काम करना शुरू किया है लेकिन NHAI के मुताबिक इस तरह से काम करना संभव नहीं है। हालांकि कहा जा रहा था कि इस बाईपास के निर्माण के बाद दिल्ली और हरियाणा से महज ढाई घंटे में लोग फर्राटा भरते हुए देहरादून पहुंच सकेंगे। मगर जिस तरह से हाईवे का निर्माण करने वाली कंपनी ने उम्मीदों पर पानी फेरा है, उसे देखते हुए लगता है कि निकट भविष्य में यह प्रोजेक्ट शुरू होने वाला नहीं है।
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अब एक्सप्रेस वे के निर्माण में हो रही देरी
बता दें कि शर्तों के मुताबिक 24 महीने में इस काम के पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था। मतलब 2023 तक इस एक्सप्रेस वे का काम पूरा होना था लेकिन अभी तो इस एक्सप्रेस वे पर 10% काम भी नहीं हो पाया है। वहीं अब इस मुसीबत के बाद वापस से टेंडर प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है जिसमें पहले आवेदन करने वाली कंपनियों को मौका दिया जाएगा और वहाँ से बात नहीं बनी तो वापस से टेंडर प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
वहीं अब काम 2024 में भी पूरा होगा या नहीं ये कहा नहीं जा सकता। ऐसे में अब कई लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। वहीं कई जगह पर सड़कों को खोदकर छोड़ दिया गया जिससे कई हादसे भी हो रहे हैं।