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Haryana में मंडरा रहा बिजली संकट, थर्मल प्लांट में सिर्फ 7 दिन का कोयला बचा

पानीपत. हरियाणा में बिजली संकट का खतरा एक बार फिर मंडरा रहा है। आपको बता दें कि अगर कोयले की सप्‍लाई जल्‍द नहीं हुई तो हरियाणा में बिजली सप्‍लाई बंद हो जाएगी। पानीपत के थर्मल प्‍लांट में केवल एक सप्‍ताह का कोयला बचा है। जबकि एक महीने का एडवांस स्‍टाक होना चाहिए।
 
Haryana में बिजली संकट

Haryana Update. हरियाणा (Haryana) में कोयला संकट (Lack of coal) गहरा रहा है। पिछले कुछ दिनों से कोयले की किल्‍लत है। कोयले की कमी की वजह से बिजली सप्‍लाई (Electricity Supply) पर भी संकट आ सकता है। हालांकि हरियाणा सरकार (Haryana Government) के डिप्‍टी सीएम (Deputy CM) ने इससे इन्‍कार किया है। उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में बिजली संकट नहीं होने दिया जाएगा।

 

 

गर्मी में हरियाणा में बिजली की मांग (Demand of electricity in haryana) अधिक बढ़ गई है। हरियाणा में बिजली की किल्लत पैदा हो गई है। हरियाणा (Haryana) में बिजली उत्पादन (Electricity Production) के लिए अधिकतर बिजली उत्पादन संयंत्र कोयला आधारित हैं। देश में कोयले की किल्लत बढ़ गई है। इसका खतरा हरियाणा में भी मंडरा रहा है। कोयले की कमी के कारण हरियाणा में बिजली संयंत्रों को बंद करना पड़ सकता है।

यूनिटों को चलाने में एक दिन में होती है 10500 टन कोयले की खपत

बिजली किल्लत के कारण पानीपत थर्मल पावर स्टेशन की 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट न 6 व 250-250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 7 व 8 चल रही हैं। यूनिटों को चलाने में 1 दिन में लगभग 10500 टन कोयले की खपत होती है। पानीपत थर्मल में इस समय लगभग 66000 टन कोयला बचा है। इसके अनुसार पानीपत थर्मल पावर प्लांट में मात्र 6 से 7 दिन का ही कोयला बचा है।

1 माह का होता था स्टाक

पानीपत थर्मल पावर स्टेशन (Thermal Power Station, Panipat ) के चीफ इंजीनियर एसएल सचदेवा ने बताया कि उनके पास लगभग 1 सप्ताह का कोयला स्टाक में है। यदि बेड स्टाक को मिलाकर भी थर्मल को चलाया जाए तो भी मात्र 10 दिन का ही कोयला उनके पास है। कोयले की कमी के चलते उनके पास कोयला बहुत कम आ रहा है। पहले थर्मल में लगभग एक माह का कोयला स्टाक में रहता था।

कहां होती है बिजली सप्लाई

पानीपत थर्मल पावर प्लांट में बिजली तैयार करके दूसरे जिलों में भेजी जाती है। यहां से बिजली के दो बिजली फीडर रोहतक, दो बिजली फीडर जींद, 3 बिजली फीडर सफीदों, 3 बिजली फीडर निहसिंग व एक बिजली फीडर बसताड़ा पावर हाऊस में जाते हैं। यदि कोयले की कमी के कारण थर्मल की यूनिट बंद हुई तो प्रदेश भर में बिजली संकट ओर अधिक गहरा सकता है।

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