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Haryana Electricity Rules: हरियाणा में बिजली चोर पर की जाएगी सख्त कार्यवाही, रुल्स में आया बड़ा ये परिवर्तन

Haryana Electricity Rules: शनिवार को उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (एनएचडीसी) ने हरियाणा में बिजली चोरी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। अब निगम ने क्षेत्र में विद्युत चोरी का जुर्माना 2.5 लाख रुपये कर दिया है।
 
Haryana Electricity Rules

Haryana Electricity Rules: शनिवार को उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (एनएचडीसी) ने हरियाणा में बिजली चोरी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। अब निगम ने क्षेत्र में विद्युत चोरी का जुर्माना 2.5 लाख रुपये कर दिया है। पहले, अनुमानित रकम पर जुर्माना 2,500 से 4,000 रुपये था। राज्य के सभी मुख्य अभियंता, कार्यपालक अभियंता, एसडीओ, जेई और अन्य अधिकारियों को बिजली चोरी पर जुर्माने की नई दरों को लागू करने का आदेश दिया गया है।

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यदि 10 बीएचपी की अश्वशक्ति होती है, तो वार्षिक भार 7.46 किलोवाट होता है। यह इकाई को बाहर निकालता है। खेत 8 घंटे बिजली देते हैं। इस प्रकार, गेहूं और धान के दौरान पाई गई बिजली चोरी से नल कुओं के चलने के समय का अनुमान लगाया जाएगा और एकीकृत किया जाएगा। इसलिए प्रत्येक यूनिट पर जुर्माना लगाया जाएगा।

एक रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में पिछले पांच साल में 700 करोड़ रुपये की बिजली चोरी हुई है। अब तक, विद्युत विभाग ने चोरी करने वाले उपभोक्ताओं से 300 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है। पुराने समय में खेतों में बिजली चोरी करने पर जुर्माना 2,500 रुपये से 4,000 रुपये तक था। अब रकम को 2.5 लाख रुपये करने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं।

इस सीजन में हरियाणा में बिजली की मांग 13,000 मेगावाट तक जाने की संभावना है, जबकि बिजली की कमी 4,200 मेगावाट तक पहुंचने की आशंका है। राज्य में पिछले वर्ष सबसे अधिक मांग 12,768 मेगावाट थी। जून में राज्य में बिजली की उपलब्धता 10,000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि मांग 13,360 मेगावाट होगी। बिजली निगमों का कहना है कि इस समय मांग और आपूर्ति में निरंतरता बनाए रखने के लिए बिजली चोरी को रोकना सबसे ज़रूरी है।

ट्यूबलर कनेक्शन से बिजली चोरी करते पकड़े जाने पर निगम ने पहले 200 रुपये प्रति वर्ष प्रति ब्रेक हॉर्स पावर (BHP) का जुर्माना लगाया था, लेकिन अब BHP के बजाय BHP लगाया जाता है। प्रत्येक यूनिट पर एक शुल्क लगाया जाएगा। राशि निर्धारित की जाएगी। प्रति इकाई का शुल्क 6.62 रुपये होगा।

यदि 10 बीएचपी की अश्वशक्ति होती है, तो वार्षिक भार 7.46 किलोवाट होता है। यह इकाई को बाहर निकालता है। खेत 8 घंटे बिजली देते हैं। इस प्रकार, गेहूं और धान के दौरान पाई गई बिजली चोरी से नल कुओं के चलने के समय का अनुमान लगाया जाएगा और एकीकृत किया जाएगा। इसलिए प्रत्येक यूनिट पर जुर्माना लगाया जाएगा।

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