Haryana News: हरियाणा सरकार ने चलाई सहकारी चीनी मिल को घाटे से निकालने की तैयारी, 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनेगा प्लांट
Haryana News: अब हरियाणा में सहकारी चीनी मिलों को घाटे से निकालने की तैयारियां तेज हो गई हैं। विभाग ने इसके लिए लगभग दो हजार करोड़ रुपये की लागत से एथनॉल प्लांट लगाने की योजना बनाई है।
Haryana News: अब हरियाणा में सहकारी चीनी मिलों को घाटे से निकालने की तैयारियां तेज हो गई हैं। विभाग ने इसके लिए लगभग दो हजार करोड़ रुपये की लागत से एथनॉल प्लांट लगाने की योजना बनाई है।
प्रदेश सरकार के सहकारिता एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि राज्य के सभी सहकारी चीनी मिलों को घाटे से बचाने के लिए 2000 करोड़ रुपये की लागत से एथनॉल प्लांट बनाए जाएंगे। साथ ही, सहकारी चीनी मिलों में कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित करने का भी विचार है।
Latest News: DDA Flat Delhi: अब दिल्ली में खरीदें लग्जरी घर, डीडीए लाया है यह सुपर स्कीम, जानें पूरी स्कीम
रोहतक सहकारी चीनी मिल को महम सहकारी चीनी मिल से जोड़ा जाएगा, जिसमें 120 केएलपीडी क्षमता का एथनॉल प्लांट लगाया जाएगा। 68 केएलपीडी क्षमता का एथनॉल प्लांट शाहबाद सहकारी चीनी मिल में बनाया गया है।
गांव भाली आनंदपुर में रोहतक सहकारी चीनी मिल के 68वें पिराई सत्र का शुभारंभ करते हुए डॉ. बनवारी लाल ने बतौर मुख्यातिथि मिल की चेन में गन्ना डालकर विधिवत शुभारंभ किया।
बतौर मुख्यातिथि उपस्थित किसानों को सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि वे मिल प्रबंधन को पूरा सहयोग करें ताकि मिल का घाटा कम हो। इससे किसानों को भी फायदा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों का पूरा ध्यान रखा है और सरकार ने उनके लिए कई उपाय किए हैं। प्रदेश सरकार देश में गन्ने का सबसे अधिक मूल्य देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गन्ने का मूल्य 14 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ जाएगा, जो किसानों को अब 386 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अगले वर्ष गन्ने के मूल्य में 14 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जो 400 रुपये प्रति क्विंटल रहेगी।
डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार किसानों को समय पर भुगतान मिलेगा। उन्होंने किसानों से कहा कि वे गन्ना विशेषज्ञों द्वारा सिफारिश की गई सीओ-15023 नामक नई किस्म की खेती करें।
इस किस्म की गन्ने की पिराई जल्दी होती है और चीनी रिकवरी दर 12–14 प्रतिशत है। सरकार सोलर पम्प और टपका सिंचाई पर अनुदान देती है। प्रदेश में किसान हितैषी सरकार 14 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदती है।
उन्होंने प्रदेश के किसानों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई हैं और कई फैसले लिए हैं।
कृषक सम्मानित हुए
गत गन्ना पिराई सत्र में सबसे अधिक गन्ना देने वाले तीन किसानों को सम्मानित किया गया: उनके निवासी रोहताश, जिंदराण-ऑवल निवासी संत बाबा ईश्वर शाह और उनके निवासी सरवर कुमार।
नर्सरी उत्पादक टिटौली निवासी प्रमोद और कलानौर निवासी मंदीप को भी सम्मानित किया गया, जो नई शर्करा युक्त और अधिक पैदावार देने वाली किस्म सीओ-15023 का उत्पादन करते हैं।
मिल में गन्ना लाने वाले पहले किसानों को भी सम्मान दिया गया। इसमें बैलगाड़ी से गन्ना लाने वाले भाली निवासी मंदीप, भाली निवासी कुलदीप, सिसरौली निवासी नरेश और बौंद कला निवासी राजेश, ट्रैक्टर-ट्रॉली से गन्ना लाने वाले डीघल निवासी राजेश, ट्रक चालक मनोज कुमार दुजाना और मोनू केंद्र सुबाना शामिल हैं।