Haryana PGT Bharti: हरियाणा में एक बार फिर रद्द हुई PGT भर्ती परीक्षा, 4476 युवाओं को किया निराश...
बार- बार एग्जाम Pattern बदलने के कारण बच्चे काफी तंग हो गए है जिसके चलते विद्यार्थियों ने HPSC द्वारा बदली गई एग्जाम पैटर्न पर High Court में जनहित याचिका डाली है.
Haryana PGT Bharti: हरियाणा में पिछले काफी समय से पोस्ट ग्रैजुएट टीचर (PGT) भर्तियों का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए इंतजार करना भारी पड़ रहा है. काफी समय के इंतजार के बाद हरियाणा में PGT पदों के लिए भर्तियां रिलीज हुई ही थी कि यह भर्ती फिर से बीच में ही लटक गई और विद्यार्थी इंतजार करते रह गए. बार- बार एग्जाम Pattern बदलने के कारण बच्चे काफी तंग हो गए है जिसके चलते विद्यार्थियों ने HPSC द्वारा बदली गई एग्जाम पैटर्न पर High Court में जनहित याचिका डाली है.
एक बार फिर लटकी पीजीटी भर्ती परीक्षा
पंजाब एवं हरियाणा HC में सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि वह यह भर्ती विज्ञापन वापस लेंगे और नए सिरे से एक बार फिर इन भर्तियों का विज्ञापन जारी किया जाएगा. फिलहाल हरियाणा में PGT के कुल 4,476 पदों पर 45,000 युवाओं ने आवेदन किया है. PGT भर्ती परीक्षा का पैटर्न बार- बार बदलने की वजह से तंग आकर भिवानी निवासी पूनम ने Court में याचिका दाखिल की थी.
बार- बार परीक्षा नियमों में किया जा रहा बदलाव
भिवानी निवासी पूनम कुमारी ने हाईकोर्ट के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि HSSC के द्वारा अगस्त 2019 में PGT के विभिन्न विषयो के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था. परंतु November 2020 में HSSC ने इन पदों को भरने की जिम्मेदारी HPSC को सौंप दी थी. इसके बाद PGT पदों के लिए फिर से विज्ञापन जारी किया गया, और एक बार फिर HPSC ने दिसंबर 2022 को PGT एग्जाम का पैटर्न जारी किया. एग्जाम पैटर्न के हिसाब से कुल 150 Optional प्रश्न पूछे जाने चाहिए थे, 20 मार्च को फिर से HPSC ने परीक्षा की नई योजना जारी कर दी, जिसके तहत परीक्षा को दो चरणों Pre और Mains में बांट दिया गया.
विज्ञापन जारी होने के बाद बार- बार नियमों में बदलाव करना अवैध
पूनम कुमारी ने हाईकोर्ट के सामने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के आरंभ होने के बाद नियमों में बदलाव किया जाना सही नहीं है. उसने बताया कि वह पिछले 4 वर्षों से PGT के लिए तैयारी कर रही थी, परंतु बार- बार नियमों में हो रहे फेरबदल के कारण उनकी परीक्षा सही तरिके से आयोजित नहीं करवाई जा रही. आयोग ने पहले Multiple Choice प्रश्न के साथ लिखित परीक्षा की घोषणा की थी जिसे बामें बदलकर व्यक्तिपरक प्रश्नों के साथ प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा आयोजित करवाए जाने का निर्णय लिया गया. परीक्षा के ठीक समय पर नई- नई प्रक्रियाएं लाना और उन्हें लागू करना बिल्कुल भी सही नहीं है.