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Haryana Punjab Highcourt: अब पत्नी की दुसरी शादी के बाद पहले पति के मौत होने पर संपत्ति पर होगा हक, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Haryana Punjab Highcourt: हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि पति की मौत के बाद दोबारा शादी करना एक व्यक्ति का निजी निर्णय है, किसी को भी इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है। यदि वह पुनर्विवाह करती है, तो उसे पहले पति की मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजे से छूट नहीं मिलेगी।

 
Haryana Punjab Highcourt

Haryana Punjab Highcourt: हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि पति की मौत के बाद दोबारा शादी करना एक व्यक्ति का निजी निर्णय है, किसी को भी इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है। यदि वह पुनर्विवाह करती है, तो उसे पहले पति की मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजे से छूट नहीं मिलेगी।

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हाई कोर्ट ने कहा कि मृतक की पत्नी पुनर्विवाह के बाद उस पर निर्भर नहीं रहती, इसलिए उसे मुआवजा नहीं देना चाहिए। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 2013 में मृतक की विधवा ने दूसरी शादी की थी। वह अपने पहले पति के साथ रहती थी और पूरी तरह से उसके साथ रहती थी।

पति की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह एक निजी निर्णय है जिसे कोई भी नहीं रोक सकता। यदि वह पुनर्विवाह करती है, तो उसे पहले पति की मृत्यु पर मिलने वाले मुआवजे से छूट नहीं मिलेगी। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी और मृतक के परिवार की मांग को खारिज कर दिया।

पत्नी दूसरी शादी के बाद भी अपने पहले पति की मृत्यु पर मुआवजे का अधिकार रखती है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। हाई कोर्ट ने महिला को दूसरी शादी करना अपना निजी निर्णय बताया है। मृतक की विधवा को पुनर्विवाह के बाद भी मुआवजे की हकदार रखने के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण रेवाड़ी के फैसले को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि पति की मौत के बाद पत्नी का दोबारा शादी करना उनका निजी निर्णय है, जिसमें किसी को भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

पुनर्विवाह करने के बाद भी पत्नी अपने पहले पति की मृत्यु पर मुआवजे की हकदार है। बीमाकर्ता और मृतक के माता-पिता ने याचिका दायर करते हुए मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण के आदेश में बदलाव की मांग की। याचिका में कहा गया कि जोगिंदर सिंह 3 मार्च 2010 को स्कूल बस और मोटरसाइकिल की टक्कर में मर गया था। एमएसीटी रेवाड़ी ने मामले में 18 लाख रुपये का मुआवजा निर्धारित किया और इसका 40 प्रतिशत मृतक की विधवा को देने का आदेश दिया।

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