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परिवार पहचान पत्र से मिल रहा Haryana में इन सरकारी योजनाओं का लाभ, 68 लाख परिवारों का डाटा तैयार​​​​​​

Chandigarh: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश का एक ऐसा प्रांत है जहां विकास को व्यक्ति के साथ जोड़ा गया है और व्यक्ति के साथ परिवार की पहचान कर इसे और पुख्ता बनाया गया है इसमें परिवार पहचान पत्र सबसे सशक्त माध्यम साबित हुआ है।

 
परिवार पहचान पत्र से मिल रहा Haryana में इन सरकारी योजनाओं का लाभ, 68 लाख परिवारों का डाटा तैयार​​​​​​

Haryana Update: इससे न केवल अंत्योदय परिवारों को चिन्हित कर उन्हें विकास योजनाओं से जोड़ा गया है बल्कि उन्हें इन योजनाओं का लाभ भी समयबद्ध तरीके से उपलब्ध करवाना भी सुनिश्चित किया गया है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का ध्येय है कि अंत्योदय का कल्याण सबसे पहले हो इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से ऐसे सॉफ्टवेयर विकसित किये हैं जिससे समग्र प्रदेश का डाटा एक जगह उपलब्ध हो पाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र आज प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के लिए मिसाल बन रहा है।

जहां अनेक राज्यों ने पीपीपी को अपनाने की पहल की है वहीँ सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए प्रशासन को सुविधा मिली है.

अब बुढ़ापा पेंशन के लिए न  सरपंच, न नंबरदार और न ही बीडीओ कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है।

व्यक्ति की आयु जैसे ही 60 वर्ष हो जाती है उसका नाम बुढ़ापा पेंशन सूची में दर्ज हो जाता है और उससे आगामी माह से पेंशन मिलनी आरंभ हो जाती है जो सीधी लाभार्थी के खाते में जाती है और हर माह 2750 रुपये मिलने आरंभ हो जाते हैं।

इस योजना से जहां विभिन्न सरकारी योजनाओं की अपात्र लाभार्थियों की लीकेज खत्म हुई है वहीं पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ स्वतः मिलना आरंभ हो गया है.

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यही नहीं जाति प्रमाण पत्र, पीडीएस सेवाएं जैसे दर्जनों सेवाएं हैं जो अब लाभार्थी तक ऑटोमेटिक तरीके से पहुँच रहीं हैं। इससे जहां कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आई है वहीँ योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डाटा को फूलप्रूफ बनाने के अनेक चेक व बैरियर लगाए गए हैं ताकि कोई भी व्यक्ति इस डाटा से छेड़छाड़  न कर पाए।  

समय -समय पर इस डाटा का सुरक्षा ऑडिट भी किया जाता है। इसके अलावा डाटा अपडेशन इसकी निरंतर प्रक्रिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय-समय पर प्रशासन द्वारा कमेटियों द्वारा न केवल डाटा की जांच-पड़ताल की जाती है बल्कि कोई त्रुटि पाए जाने पर उसे अपडेट भी किया जाता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऐसे 68 लाख परिवार हैं जिन्होंने अपने परिवार संबंधी सभी जानकारियों को उपलब्ध करवाया है

जिसकी बदौलत सरकार पीपीपी का डाटा तैयार कर पाई और इससे गरीब परिवारों की पहचान हुई है जिन्हें सरकार ने योजनाओं का लाभ देने के लिए पुख्ता प्रबंध भी किये हैं

मुख्यमंत्री ने  कहा कि केंद्र सरकार ने आधार कार्ड के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने का काम किया परंतु हरियाणा सरकार ने एक कदम आगे बढ़कर प्रदेश के हर परिवार व नागरिक संबंधी डाटा की रिपोर्ट तैयार की।

पीपीपी की मुख्य पहचान व्यक्ति नहीं बल्कि परिवार को एक ईकाई माना गया है। इसे ध्यान में रखते हुए एक परिवार की यूनिक आईडी बनाने का फैसला लिया जिसके आज सकारात्मक परिणाम धरातल पर देखने को मिल रहे हैं।

आज दलाल और बिचौलिया संस्कृति पूरी तरह से समाप्त हो गई है।  सरकार का प्रयास है कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर हो ताकि अंत्योदय परिवारों के चेहरे पर ख़ुशी आये।  

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