हरियाणा सरकार से विज हुए नाराज, छोड़ सकते हैं स्वास्थ्य विभाग
Haryana Update: हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) अभी भी नाराज हैं। चर्चा है कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय छोड़ सकते हैं अगर उनका विवाद दो या तीन दिन में हल नहीं होता। वह पिछले दो महीने से स्वास्थ्य विभाग की फाइलें नहीं देख रहें है।
Government of Haryana Cabinet Expansion : तीन राज्यों में प्रचंड जीत के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक हलचल मची हुई है। 10 महीने बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले हरियाणा में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। बुधवार शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अचानक राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की। तब से चर्चा चल रही है कि मुख्यमंत्री जल्द ही अपनी कैबिनेट को बढ़ा सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में बाल कल्याण परिषद की नियुक्तियों और आयोग के चेयरमैनों की शपथ ग्रहण पर भी चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री Manohar Lal Khattar और राज्यपाल (Governor of Haryana) की बैठक लगभग डेढ़ घंटे चली। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल आगामी चुनाव समीकरण को बनाने के लिए विशेष रणनीति का पालन कर रहे हैं।
इसके तहत आखिरी साल सरकार का साथ देने वाले निर्दलीय विधायक मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। छह निर्दलीय विधायक और हलोपा के गोपाल कांडा ने सरकार को समर्थन दिया है।
यही नहीं, राजस्थान में बिश्नोई बेल्ट में भाजपा का उत्कृष्ट प्रदर्शन केंद्रीय नेतृत्व कुलदीप बिश्नोई को जल्द ही सम्मानित किया जा सकता है। माना जाता है कि उनके बेटे भव्य बिश्नोई भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकता है। वहीं, अनिल विज अभी भी नाराज हैं। चर्चा है कि वह स्वास्थ्य मंत्रालय छोड़ सकते हैं अगर उनका विवाद दो या तीन दिन में हल नहीं होता। वह पिछले दो महीने से स्वास्थ्य विभाग की फाइलें नहीं देख रहें है।
स्वास्थ्य विभाग पर Anil Vij ने कहा कि मुझे यकीन है कि सीएम निर्णय लेंगे
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Home Minister of Haryana) ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह जल्द फैसला करेंगे और उन्हें मुख्यमंत्री की बात पर विश्वास है। ऐसे में विज ने एक बार फिर मुख्यमंत्री को लक्ष्य दिया है। देखना है कि क्या मुख्यमंत्री इस मामले में कुछ करते हैं। इसके बावजूद, शीतकालीन सत्र से पहले बहस को हल करने की कोशिश की जा रही है ताकि सरकार (Government of Haryana) को सदन में घेरने से बचाया जा सके।
ध्यान देने योग्य है कि विज पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग की फाइलों पर अपना हस्ताक्षर नहीं लगा रहे हैं। यह मामला प्रदेश में चर्चा का विषय भी बना है। विज सीएमओ के एक अधिकारी ने समीक्षा बैठक लेने से नाराज हो गए हैं और इसे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक बताया है। इतना ही नहीं, बढ़ते विवाद को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विज के साथ एक बैठक की थी और उसे आश्वस्त किया था कि वह इस मामले को हल करेंगे. लेकिन अब मुख्यमंत्री से बैठक को 20 दिन से अधिक हो गए हैं और अभी तक स्थिति ऐसी ही है। 15 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होना चाहिए। इसलिए विज ने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग छोड़ सकते हैं अगर इस दौरान कोई हल नहीं निकला।