Rajsthan Agro Loan: राज्सथान सरकार ने लोगो को दी बडी सौगात, कर्ज माफी के बिल हुए पारित
Rajsthan Agro Loan: देश के किसान सिर्फ मानसून पर निर्भर हैं। कभी कम बारिश होने से फसल बर्बाद हो जाती है तो कभी बारिश न होने से सूखे की मार पड़ती है।किसानों को ऐसे में कई तरह की वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर किसानों को कर्ज की चिंता है। लेकिन चुनावी वर्ष को देखते हुए राजस्थान सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है।
Rajsthan Agro Loan: देश के किसान सिर्फ मानसून पर निर्भर हैं। कभी कम बारिश होने से फसल बर्बाद हो जाती है तो कभी बारिश न होने से सूखे की मार पड़ती है।
किसानों को ऐसे में कई तरह की वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर किसानों को कर्ज की चिंता है। लेकिन चुनावी वर्ष को देखते हुए राजस्थान सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है।
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किसानों को लुभाने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने किसानों को कर्ज माफी देने के लिए एक बिल पारित किया है।
योजना शुरू होने के बाद, कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था किसी भी तरह से किसानों को कर्ज देने का दबाव नहीं डाल सकेगा अगर उनकी फसल खराब हो जाती है।
किसान इस आयोग में फसल खराब होने पर कर्ज माफी की मांग करेंगे। आयोग बनने से अब फसल खराब होने पर कर्ज माफी का निरंतर रास्ता खुला रहेगा और इससे केवल जरूरतमंद किसानों को मदद मिलेगी।
किसान कर्ज राहत आयोग, हाईकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में
राज्य किसान कर्ज राहत आयोग में अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होंगे। हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अध्यक्ष होंगे। आयोग में मेंबरों में कृषि विशेषज्ञ, एसीएस या प्रमुख सचिव रैंक पर रहे रिटायर्ड IAS, जिला और सेशन कोर्ट से रिटायर्ड जज और बैंकिंग क्षेत्र में काम कर चुके अफसर शामिल होंगे।
इसका सदस्य सचिव सहकारी समितियों के एडिशनल रजिस्ट्रार स्तर का अफसर होगा। इस नियुक्ति का अवधि तीन वर्ष होगा। साथ ही, आयोग मेंबर और अध्यक्ष दोनों का कार्यकाल तीन साल का होगा। सरकार अपने स्तर पर आयोग की अवधि को बढ़ा सकती है और किसी भी सदस्य को बाहर निकाल सकती है।
पूरे जिले को भी बता सकता है कि संकटग्रस्त किसान कर्ज राहत आयोग को न्यायालय की तरह शक्ति मिलेगी।
यदि किसी क्षेत्र में फसल खराब होती है और किसान बैंकों से लिया हुआ कृषि कर्ज चुका नहीं पाता है, तो आयोग को किसान और क्षेत्र को संकटग्रस्त घोषित करके उसे राहत देने का आदेश देने का अधिकार होगा।
कर्ज नहीं चुका पाने को लेकर, अगर किसान या आयोग खुद अपने स्तर पर समझता है कि उनकी स्थिति बहुत खराब है ऐसी स्थिति में किसान को संकटग्रस्त किसान घोषित किया जा सकता है।
ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं होने वाले किसान को संकटग्रस्त कहा जाता है।
संकटग्रस्त किसान घोषित होने के बाद बैंक उस किसान से कर्ज नहीं वसूल सकेगा।
इसके अलावा, किसान के खिलाफ कोई मुकदमा, आवेदन, अपील या याचिका नहीं होगी जब तक मामला आयोग के पास लंबित रहेगा।