UP News: यूपी के अफसरों की अब नही है खैर, सीएम योगी का बड़ा एक्शन, जानिए क्या है पूरी खबर
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल के दौरान राजस्व मामलों के त्वरित और समयबद्ध समाधान के लिए कड़े कदम उठाए हैं। योगी सरकार ने इसके तहत 12 जिलों के डीएम, एसडीएम और तहसीलदारों पर कड़ी कार्रवाई की है। यह कदम राजस्व मामलों के निपटान को तेज करने का एक हिस्सा है और इसका मुख्य उद्देश्य कानूनी प्रणाली में सुधार करना है।
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राजस्व मामलों में कड़ाई
योगी सरकार ने लंबित मामलों को दो महीने के भीतर हल करने के लिए विशेष अभियान चलाया है, जिससे राजस्व मामलों को त्वरित और समयबद्ध तरीके से हल किया जा सके। इस अभियान के तहत हर 15 दिन में उच्च स्तरीय समीक्षा की जाती है, जिसमें राजस्व मामलों के निस्तारण, पैमाइश, नामांतरण और कुर्रा-बंटवारा में कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाती है।
जनपदों और जिलों के नाम जो खराब प्रदर्शन करते हैं
इस अभियान में राजस्व मामले में कमजोर प्रदर्शन करने वाले कुछ जनपदों और तहसीलों के अधिकारियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। ये शहर और जिले हैं:
खराब प्रदर्शन वाली तहसीलें:
प्रतापगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, अयोध्या, रायबरेली
सफीपुर, उन्नाव राज्य।
लोनी (गाज़ियाबाद), कुरान (प्रयागराज) और नकुड़ (सहारनपुर)
फ़तेहाबाद (आगरा), भारत
नकारात्मक प्रदर्शन वाले जिले:
मेरठ, प्रयागराज, शाहजहांपुर, आगरा
सख्त चेतावनी दी और सुधार की जरूरत बताई
योगी सरकार ने अच्छी तरह से काम नहीं करने वाले अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है और उनसे सुधार करने की मांग की है। विभिन्न तहसीलों के तहसीलदारों को अलग-अलग प्रविष्टि भी दी गई है, ताकि वे अपने काम को बेहतर कर सकें।
स्थानांतरण के संबंध में भी चेतावनी दी गई
नामांकन के मामले में अच्छी तरह से काम नहीं करने वाले तहसीलदारों को भी कड़ी चेतावनी दी गई है। यह चेतावनी एक संकेत है कि सरकार नामांकन मामलों को कठोर ढंग से सुधारने के लिए कठोर कदम उठाएगी।
इन जिलों और तहसीलों में कार्यरत अधिकारियों पर कार्रवाई
इसके तहत प्रतापगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, अयोध्या और रायबरेली के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है, जो कुल राजस्व वादों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन वाले जिलों में शामिल हैं। इसके अलावा, पांच तहसीलों (सफीपुर, उन्नाव), लोनी, गाजियाबाद, कोरौं, प्रयागराज, नकुड़, सहारनपुर और फतेहाबाद) के यूडीसी को पैमाइश के मामले में खराब प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है। मेरठ, संत रविदास नगर, प्रयागराज, शाहजहाँपुर और आगरा के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
स्थानांतरण मामलों के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर सोनभद्र के दुद्धी, मिहीपुरवां, बहराइच, ओबरा, सोनभद्र, मेजा (प्रयागराज) और रायबरेली के तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि भेजी गई है। रायबरेली, प्रतापगढ़, सोनभद्र, अयोध्या और संत रविदास नगर के जिलों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
साथ ही, कुर्रा-बंटवारा मामलों के निस्तारण में कमजोर प्रदर्शन के लिए भदोही (संत रविदास नगर), रानीगंज (प्रतापगढ़), हैदरगढ़ (बाराबंकी), हंडिया (प्रयागराज) और कैंपियरगंज (गोरखपुर) तहसीलों के उपजिलाधिकारियों को चेतावनी दी गई है। कुर्रा-बंटवारा में बुरा व्यवहार करने वाले संत रविदास नगर, प्रतापगढ़, बलरामपुर, देवरिया और प्रयागराज के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
हर 15 दिन में गुणात्मक समीक्षा
राजस्व परिषद के अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में राजस्व मामलों के त्वरित समाधान पर विशेष जोर दिया है। राजस्व विवाद कभी-कभी कानून प्रवर्तन को बाधा डालता है। मुख्यमंत्री ने राज्य की 2941 राजस्व अदालतों में लंबित मुकदमों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण के लिए दो महीने का विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया है। लंबे राजस्व मामले प्रत्येक 15 दिन में मुख्यमंत्री स्तर पर देखे जाते हैं। मुख्यमंत्री ने खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि वे अपने कार्यप्रणाली में सुधार करें।