CJI: अदालत कम लोग पहुंचते हैं, मौन रहकर पीड़ा सहते है- NV Raman
Haryana Update: देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने आज कहा कि हमारी असली ताकत युवाओं में है। दुनिया के 1/5 (20 फीसदी या हर पांचवां) युवा भारत में रहते हैं, लेकिन कुशल श्रमिक हमारे कार्यबल का केवल तीन फीसदी हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के कौशल बल का उपयोग करने की आवश्यकता है। सीजेआई रमण ने यह भी कहा कि देश की आबादी का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही अदालतों का दरवाजा खटखटा पाता है, जबकि बहुसंख्यक आबादी चुप्पी, जागरूकता और आवश्यक साधनों की कमी के कारण अदालतों तक नहीं पहुंच पाती है।
AILDSA
सीजेआई ने यह बात पहले अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सम्मेलन (AILDSA) के सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि बहुसंख्य लोग न्याय तंत्र तक नहीं पहुंच पाते हैं। न्याय तक पहुंच सामाजिक मुक्ति का एक साधन है। अगर आज हम न्याय के साथ लोगों के दरवाजे तक पहुंच पाए हैं, तो हमें योग्य न्यायाधीशों, उत्साही अधिवक्ताओं और सरकारों को धन्यवाद देना होगा। जस्टिस रमण ने कहा कि देश के अधिकांश लोगों के लिए जिला न्यायिक अधिकारी अदालत से संपर्क का पहला बिंदु होते हैं। न्यायपालिका को लेकर जनता की राय जिला न्यायालय को लेकर उनके अनुभव पर आधारित होती है, इसलिए जिला न्यायालयों को मजबूत करना समय की मांग है।
न्याय तक आसान पहुंच जरूरी : PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी है।' पीएम मोदी ने आगे कहा कि किसी भी समाज के लिए न्याय प्रणाली तक पहुंच जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी न्याय वितरण प्रणाली भी है।
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इसमें एक अहम योगदान न्यायिक अवसंरचना का भी होता है। पिछले आठ वर्षों में देश के न्यायिक अवसंरचना को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है। इसे आधुनिक बनाने के लिए 9,000 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रथम बैठक के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद थे।
जन-जन तक न्याय की पहुंच आज भी बड़ी चुनौती :Rijiju
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि आज पहली बार अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक दिल्ली में हो रही है। हमारे देश में जन-जन तक न्याय की पहुंच आज भी एक बहुत बड़ी चुनौती है। कानूनी सेवाओं में समता, जवाबदेही और आसान पहुंच जैसी तीन आवश्यकताओं को सुरक्षित करने के लिए हम नागरिकों की भागीदारी को अमल में ला सकते हैं।
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