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Patriotic songs: जब गांधीजी पर लिखा गाना ‘दे दी हमें आजादी’ को किया गया बैन

Hisar Desk. Patriotic songs: when The song 'De Di Humse Azadi' written on Gandhiji was banned
 
Patriotic songs: जब गांधीजी पर लिखा गाना ‘दे दी हमें आजादी’ को किया  गया बैन

Haryana Update. Film Jagriti And Kavi Pradeep: यूं तो 1947 में भारत के विभाजन के साथ भारत-पाकिस्तान अलग हो गए, लेकिन उनकी सांस्कृतिक विरासत समान रही। विभाजन के साथ फिल्म इंडस्ट्री भी बंट गई थी और फिल्मों में काम करने वाले एक्टर-निर्माता-निर्देशक भी बंटवारे के साथ लाहौर और मुंबई पहुंच गए थे।

 

लाहौर पहुंचे कई कलाकार और निर्देशक पाकिस्तान बनने से पहले मुंबई में थे। हालांकि पाकिस्तान में लंबे समय तक भारतीय फिल्मों के आयात और प्रदर्शन पर बैन था।

 

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लेकिन तस्करी के रास्ते भारतीय फिल्में पाकिस्तान पहुंचती रहीं और वहां के निर्माता-निर्देशक इनसे प्रेरित होकर या फिर कभी पूरी फिल्म ही नकल कर लिया करते थे। ऐसा ही मामला 1954 में भारत में बनी हिट फिल्म जागृति का है।

फिल्म की कर ली नकल
निर्माता शशधर मुखर्जी की फिल्म जागृति के निर्देशक सत्येन बोस थे। फिल्म राष्ट्रभक्ति से जुड़ी थी और इसमें कवि प्रदीप के गाने थे।

इस फिल्म के गाने आज भी हर राष्ट्रीय पर्व पर सुने जाते हैं। जिनमें से ‘आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की’ और ‘दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल’ शामिल हैं। रोचक बात यह है कि पाकिस्तान में 1959 में फिल्म बनाई गई, बेदारी।

यह न केवल पूरी तरह से जागृति की नकल थी, बल्कि निर्माता-निर्देशक-गीतकार ने फिल्म के गाने भी जरा से फेरबदल के साथ उठा लिए थे। आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की को कर दिया गया, आओ बच्चो तुम्हें कराएं सैर पाकिस्तान की।

जबकि गांधीजी के महात्म्य और स्वतंत्रता संग्राम में उनके नेतृत्व की शक्ति बताने वाले गाने दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमति के संत तूने कर दिया कमाल को कर दिया गया, दे दी हमें आजादी कि दुनिया हुई हैरान, ऐ कायदे-आजम तेरा एहसान ही एहसान।

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यह गाना पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना को समर्पित किया गया। पाकिस्तान में यह फिल्म रत्तन कुमार ने बनाई थी, जिनका असली नाम नजीर रिजवी था। उन्होंने जागृति में भी एक अहम किरदार निभाया था। बाद में वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए।


गाने ने मचाई धूम लेकिन हुआ बैन
बेदारी जब पाकिस्तान में रिलीज हुई, तो लोगों ने खूब पसंद किया। लेकिन जब पाकिस्तान सेंसर बोर्ड के पास इसके भारतीय गाने की नकल होने की शिकायत पहुंची, तो गाने को तुरंत बैन कर दिया गया। कुछ साल में लोग फिल्म बेदारी और इसके गाने को भूल गए।

लेकिन 1990 के दशक में एक बार फिर से मुन्नवर सुल्ताना नाम की गायिका ने दे दी हमें आजादी कि दुनिया हुई हैरान को थोड़े हेर-फेर के साथ रीमिक्स करके गाया।

गाना फिर पाकिस्तान में खूब लोकप्रिय हो गया। लेकिन यह बात फिर सामने आई कि यह गाना भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर लिखे गाने की हूबहू नकल है। तब फिर से पाकिस्तान में यह गाना बैन कर दिया गया।

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