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Science News: अंतरिक्ष से कूद जाए कोई इंसान तो जो होगा सुनकर कांप उठेगी रूह

Science News: If a person jumps from space, then the soul will tremble after hearing what happens
 
Science News: अंतरिक्ष से कूद जाए कोई इंसान तो जो होगा सुनकर कांप उठेगी रूह 
Haryana Update. Is Space Jump Possible: डर को अपने अंदर से निकालने के लिए लोग कई तरीके इस्तेमाल करते है. कई लोग स्काई डाइविंग और पैराग्लाइडिंग करते हैं तो कुछ लोग कई और खतरनाक तरीके इस्तेमाल करते है.


आजकल एक नया ट्रेंड शुरू हुआ है और वो है स्पेस डाइविंग. सोचिए, क्या होगा जब कोई अंतरिक्ष से धरती पर छलांग लगा दें.

 

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कहां से शुरू होता है अंतरिक्ष

ये खबर पढ़कर अगर आप अंतरिक्ष से छलांग लगाने की सोचने लगे हैं तो ठहर जाइए. पहले ये जान लेते है कि अंतरिक्ष शुरू कहां से होता है? कारमन रेखा (Karman Line) पृथ्वी के वायुमंडल और स्पेस में अंतर बताती है. जो इस रेखा को पार कर लेता है वो स्पेस में पंहुच जाता है. 

ये किसी बॉउंड्री के जैसे काम करती है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 100 किलोमीटर यानी 62 मील के करीब होती है. यह लाइन वर्ल्ड एयर स्पोर्ट्स फेडेरेशन ( World Air Sports Federation) की ओर से तय गई है.

 ये लाइन हवाई यात्रा और अतंरिक्ष यात्रा की सीमा को तय करती है. लेकिन अमेरिकी मिलिट्री के द्वारा इस ऊंचाई को 80 किलोमीटर माना गया है.


कैसे लगाएंगे छलांग

अंतरिक्ष से कूदने का ख्याल दिमाग में आए, उससे पहले जान लें कि क्या चुनौतियां होंगी. अब तक हाई फ्री फॉल जम्प का रिकॉर्ड एक अमेरिकी कम्प्यूटर साइंटिस्ट राबर्ट एलन के नाम है. एलन ने 24 अक्टूबर 2014 को पृथ्वी से करीब 42 किलोमीटर की ऊंचाई से छलांग लगाई थी.

Science News: अंतरिक्ष से कूद जाए कोई इंसान तो जो होगा सुनकर कांप उठेगी रूह 

 इस दौरान उन्होंने हीलियम बलून का सहारा लिया था और इसके साथ ही उन्होंने प्रेशर सूट भी पहन रखा था. खैर ये ऊंचाई कारमन लाइन से काफी कम थी.

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सुपर आसमानी छलांग के बाद क्या होगा

अंतरिक्ष का शुरुआती हिस्सा धरती के एटमॉस्फेरिक लेयर (Atmospheric layer) यानी थर्मोस्फेयर (Thermosphere) में आता है, इस मंडल में एयर डेंसिटी बेहद कम होती है और ऑक्सीजन की कमी से हमारे ब्रेन सेल ठीक से काम करना बंद कर देते हैं.

 ऐसा हो सकता है कि आप हाइपोक्सीया (Hypoxia) का शिकार हो जाएं. इतनी ऊंचाई से गिरने के कारण आपकी बॉडी तेजी से घुमने लगेगी और हो सकता है कि आप कोमा में भी चले जाएं या ब्रेन डेथ (Brain Death) की भी संभावना है. इसके साथ ही थर्मोस्फेयर में रेडिएशन की वजह से आपका शरीर रेडिएशन का शिकार भी हो सकता है.

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