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भारत की ऐसी महिला, जिसने किए है सारे केस सॉल्व, जानिए कौन है ये ?

आज की खबर में हम देश की पहली जासूस महिला के बारे में बताएँगे। जो न सिर्फ एक या दो केस, बल्कि हजारों केसों को हल कर चुकी है। नीचे खबर में इनके बारे में अधिक जानें।
 
भारत की ऐसी महिला, जिसने किए है सारे केस सॉल्व, जानिए कौन है ये ?
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भारत की महिलाएं पुलिस, एयरफोर्स, नेवी और अन्य रक्षा सेवाओं में काम करती हैं। महिलाएं कानून व्यवस्था बनाए रखने, खाकी वर्दी में अपराधी की गिरफ्तारी से लेकर देश की सीमा की रक्षा करने के लिए लड़ाकू विमान उड़ाने का काम कर रही हैं। लेकिन भारत में भी एक महिला है, जो जासूसी (espionage) में जैम्स बांड से कम नहीं है।


देश के जासूसों का नाम लिया जाए तो एक महिला जासूस का नाम सबसे पहले आना चाहिए। Rajni Pandit देश की पहली महिला जासूस हैं। भारत का जेम्स बांड भी रजनी पंडित कहलाता है। रजनी पंडित ने अपनी जिंदगी में कई चुनौतियों का सामना किया और कभी हार नहीं मानी। चलिए जानते हैं कि रजनी पंडित कैसे एक महिला बन गईं, जो देश की जासूस थीं।


रजनी पंडित कौन हैं?
रजनी पंडित आम परिवार की लड़कियों की तरह थीं। एक साधारण परिवार की लड़की, जो अपनी जगह बनाना चाहती थी। वह अपने सपने को पूरा करने के लिए एक ऑफिस में क्लर्क की नौकरी करने लगी जब वह अपने ग्रेजुएशन के पहले साल में थीं। काम करते समय उनके ही कार्यालय की एक महिला के घर पर चोरी हुई। महिला को अपनी नई बहू पर चोरी का शक था।


रजनी पंडित की पहली शिकायत—

रजनी का यह पहला मामला था। उस महिला ने रजनी से कहा कि उसके घर में चोरी हुई है। रजनी ने चोरी की जांच शुरू की तो पता चला कि चोरी बेटे ने नहीं, बल्कि पत्नी ने की थी। पूछताछ के दौरान बेटे ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। रजनी ने अपना पहला केस हल करते समय 22 साल की थी।

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जासूसी करियर शुरू करना-

रजनी पंडित के पिता सीआईडी में काम करते थे। पिता जासूस रहे थे। ऐसे में रजनी जासूसी के बारे में बहुत कुछ जानने लगी। रजनी पंडित के जासूसी केस सार्वजनिक होने के बाद लोग उनके पास अपने मामले लाते थे। इसके बाद रजनी लोकप्रिय होने लगी। भारत की पहली महिला जासूस के तौर पर उनकी पहचान बनने लगी। लेकिन रजनी की जासूसी क्षमता के बारे में उनके पिता को पता नहीं था।

पिता मिल गया-

जब रजनी के पिता को यह पता चला, उन्होंने उसे रोका नहीं, लेकिन उसे आने वाली चुनौतियों के बारे में जरूर बताया। रजनी ने पिता का साथ मिलने के बाद जासूसी में खुलकर काम करना शुरू किया। रजनी ने हजारों मामले हल किए। वह कभी नौकरानी तो कभी गर्भवती महिला का मुखौटा पहनकर गंभीर मामले हल करने लगीं।

रजनी के जीवन का सबसे कठिन मुकदमा-
रजनी, जो भारत की पहली महिला जासूस बन चुकी थी, केस बहुत कठिन था। शहर में एक पिता और उसके पुत्र दो बार मारे गए। हत्यारा का पता नहीं चल रहा था। जब रजनी को यह मामला मिला, तो वह नौकरानी का मुखौटा पहनकर अपने पिता और पुत्र के घर पर हत्या का पता लगाने के लिए पहुंची। नौकरानी के रूप में छह महीने काम करने के बाद उन्हें असली हत्यारे का पता चला। महिला ने घर में अपने प्रेमी के साथ मिलकर पिता और पुत्र को मार डाला था।

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रजनी जासूस संस्था—

काम बढ़ा तो रजनी ने 1991 में एक जासूसी सेवा शुरू की, जो इसी तरह के केसों को हल करती थी। रजनी ने छोटे-बड़े सब मिलाकर 80 हजार से अधिक केस हल किए थे। उन्हें कई पुरस्कार मिले। पुलिस ने उन्हें भी एक केस में गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप लगा था कि उन्होंने केस सार्वजनिक करने के लिए गलत तरीके से कल डिटेल्स निकाल लीं थीं। लेकिन रजनी ने बचाव करते हुए कहा कि बतौर जासूस यह उनका काम है।