Delhi Electricity : दिल्ली वालों के लिए आई बुरी खबर, फ्री बिजली को लेकर आया बड़ी अपडेट
दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बिजली सब्सिडी से संबंधित एक फाइल को रोक रखा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल से मिलने के लिए पांच मिनट का समय मांगा था, लेकिन इस विषय पर बात करने के लिए समय नहीं दिया गया।
शनिवार से दिल्ली में मुफ्त बिजली नहीं मिलेगी? दिल्ली में बिजली सब्सिडी कब खत्म हो जाएगी? दिल्लीवासियों के मन में ये प्रश्न उठने लगे हैं। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कल से शहर को मुफ्त बिजली नहीं मिल सकेगी। दिल्ली सरकार और एलजी फ्री बिजली के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं। दिल्ली के 46 लाख से अधिक परिवारों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी पर इसका सीधा असर पड़ने वाला है। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आतिशी ने एलजी विनय कुमार सक्सेना पर बिजली सब्सिडी से संबंधित फाइलों को रोकने का आरोप लगाया है। ऊर्जा मंत्री के बयान को लेकर एलजी कार्यालय ने राजनीति नहीं करने की सलाह दी है।
"कल से दिल्ली में फ्री बिजली नहीं मिल सकेगी", आतिशा ने कहा। सरकार ने बिजली सब्सिडी की फाइल को कैबिनेट में भेजी थी, लेकिन एलजी ने अभी तक इसे नहीं भेजा है। बिजली कंपनियों को सब्सिडी का समय पर पैसा नहीं मिलेगा, इसलिए कल से बिल काउंट बिना सब्सिडी के होगा।"
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दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि कल से 46 लाख से अधिक परिवारों को बिजली सब्सिडी नहीं मिलेगी। अतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर फाइल को रोकने का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि बिजली सब्सिडी का बजट विधानसभा से पारित हो चुका है, लेकिन LG ने कैबिनेट निर्णय की फाइल रखी हुई है। उनका कहना था कि उन्होंने उपराज्यपाल से मिलने के लिए पांच मिनट का समय मांगा था, लेकिन इतनी महत्वपूर्ण बात होने पर भी समय नहीं दिया। उनका दावा था कि उपराज्यपाल ने चौबीस घंटे बाद भी समय नहीं दिया।
LG ने आतिशी के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। एलजी कार्यालय ने इन आरोपों को गलत बताया है। एलजी कार्यालय ने कहा, "बिजली मंत्री को सलाह दी जाती है कि एलजी के खिलाफ अनावश्यक राजनीति और निराधार झूठे आरोपों से बचें।" उन्हें झूठ बोलना बंद करना चाहिए। उन्हें और मुख्यमंत्री को दिल्ली की जनता को बताना चाहिए कि 4 अप्रैल को निर्णय क्यों रखा गया, जबकि समय सीमा 15 अप्रैल थी? 11 अप्रैल को ही एलजी को फाइल क्यों भेजी गई? और 13 अप्रैल को पत्र लिखने और आज सभा करने की क्या आवश्यकता है?"