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viral : बंदरो का बढ़ा आतंक,बच्ची को बचाने आए पिता पर बंदरों ने बोला हमला, वायरल हो रही वीडियो

viral desk :हाथरस में बंदर का आतंक चरम पर है. ये बंदर कब किस पर हमला कर दें, कहा नहीं जा सकता. आज बंदरों ने एक पत्रकार की बेटी पर हमला बोल दिया, ऐसे में अपनी बेटी को बचाने के लिए पत्रकार अपनी जान पर खेल गया.
 
viral :बंदरो का बढ़ा आतंक,बच्ची को बचाने आए पिता पर बंदरों ने बोला हमला, वायरल हो रही वीडियो 

Haryana update:  मयंक वशिष्ठ(mayank vashist) नाम के पत्रकार की मासूम बेटी पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया. अब बेटी की चीख पुकार को सुनकर पिता मयंक घर से बाहर आ गए. उन्होंने बेटी को बचाने का प्रयास किया तो बंदरों ने उन पर भी हमला बोल दिया, मगर एक पिता कैसे पीछे हट सकता था. लगभग आधा घंटा बंदर से जूझने का वीडियो वायरल(video viral) हुआ तो लोग एक पिता की दिलेरी की प्रशंसा करते देखे गए.

 


बंदरों के आतंक से कई लोग हो चुके हैं घायल(Many people have been injured due to the terror of monkeys)

हाथरस में बंदरों के आतंक का यह पहला मामला नही हैं. आज से पहले भी कई अनगिनत ऐसे मामले आ चुके हैं. बंदर कई लोगों पर जानलेवा हमला भी कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले छत पर एक महिला को बंदरों ने धक्का देकर नीचे गिरा दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी. वहीं, इनके आतंक की वजह से कई जगहों पर लोग घरों से निकलने में भी डरते हैं. रात में तो बंदरों का आतंक कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है. रात के समय वो सड़कों पर झुंड बनाकर घूमते हैं.

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कोर्ट में दायर हो चुकी है याचिका(Petition has been filed in court)

शहर के लाल वाला पेंच निवासी मधुशंकर अग्रवाल ने बंदरों के आतंक से परेशान होकर जनहित में एक याचिका कोर्ट में भी दायर की थी, जिसमें कुछ समाचार पत्रों की खबर का हवाला दिया गया था औ कुछ सार्वजनिक जगह पर लगे सीसीटीवी कैमरों को बंदरों द्वारा खराब करने की बात भी कही थी. कोर्ट द्वारा याचिका पर गौर करते हुए जिलाधिकारी हाथरस व वन विभाग एवं नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को नोटिस भी जारी किया गया था.

पालिका ने बंदरों को पकड़ने के लिए चलाई थी स्कीम(The municipality had run a scheme to catch the monkeys)

कुछ समय पहले नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहर में बंदरों के आतंक से लोगों को निजात दिलाने के लिए उन्हें पकड़ने के लिए एक गाड़ी भी बनाई थी. इसके अलावा लोगों को बंदर पकड़ने के लिए पैसे देने की स्कीम भी चालू की गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कुछ असर दिखाई नहीं दिया.

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