New GRAP System : सरकार ने किया बड़ा ऐलान, 1 तारीख से लागू होगा नया सिस्टम
शुक्रवार को सोनीपत के उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने जिले के औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर चर्चा की। साथ ही, ग्रैप नियमों के अनुसार डीजी सेट का उपयोग किया जाएगा।
ध्यान दें कि 1 अक्टूबर से दिल्ली और एनसीआर में पर्यावरण संरक्षण को मजबूत करने के लिए GRAP की शुरुआत हो रही है। इसके तहत, 30 सितंबर तक औद्योगिक परिसरों में इस्तेमाल होने वाले डीजल जनरेटर सेटों में CAQM लगाना अनिवार्य होगा। औद्योगिक इकाइयों और बड़े संस्थानों में डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल करने के नियम बनाए गए हैं। ग्रेप टाइमिंग में नियमों का पालन करने पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है। नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई होती है।
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नए नियम: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप सिंह ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में एलपीजी, प्राकृतिक गैस और अन्य गैसों के उपयोग पर कोई व्यवस्था में बदलाव या प्रतिबंध नहीं है। 19 किलोवाट तक डीजल जनरेटर का इस्तेमाल करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इन्हें पूरे वर्ष उपयोग किया जा सकता है। 19 से 125 किलोवाट के डीजल सेट को दोहरे ईंधन मोड (70% गैस और 30% डीजल) पर चलाना होगा।
यह डीजल सेट 2 घंटे तक चल सकता है अगर सीएक्यूएम और रेट्रो फिटिंग सिस्टम लगाया जाए। 800 किलोवाट का डीजल सेट केवल औद्योगिक इकाइयों में प्रयोग किया जाता है, जो कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग अथॉरिटी सिस्टम की आवश्यकता होती है। ऐसा करने से संबंधित क्षेत्र को कानून से छूट मिलेगी। उनका कहना था कि 800 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले डीजल सेटों को ग्रेप टाइमिंग में दो घंटे तक चलाया जा सकेगा। इसके लिए सीएक्यूएम और रेट्रो फिटिंग सिस्टम लगाना आवश्यक होगा।
निर्बाध बिजली की मांग
उद्योगपतियों ने उपायुक्त को बताया कि कंपनियों को पर्याप्त बिजली मिलने पर जेनरेटर चलाने की जरूरत नहीं होगी। जब आवश्यक हो तो जेनरेटर चलाना पड़ता है। उद्योगपतियों ने उद्योगों से अघोषित बिजली कटौती और निर्बाध बिजली आपूर्ति की मांग की। उपायुक्त ने बिजली निगम के अधिकारियों के साथ इस मामले में एक अलग बैठक करने की घोषणा की है। साथ ही, उन्होंने कहा कि वे गैस आपूर्ति से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।