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अब कटे फटे नोटो के बदले मिलेंगे करकरारे नोट, जानिए बैंकों के नए नियम

यह आम जनता के लिए बहुत अच्छी खबर है। दरअसल, अब किसी को भी कटे-फटे गले नोट की चिंता करने की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने नियम बनाए हैं ताकि आप आसानी से नोट बदल सकें। अगर कोई बैंक नोट नहीं बदलता, तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है...।

 
अब कटे फटे नोटो के बदले मिलेंगे करकरारे नोट, जानिए बैंकों के नए नियम 
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यदि आप बाजार में सब्जी या कुछ खरीदने गए हैं, तो आपको वापस आने पर पता चलता है कि आप गलती से किसी से फटा नोट ले गए हैं। अब आप इस नोट का आखिरी परिणाम सोच रहे हैं। ये नोट कैसे काम करेंगे? आप भी किसी दुकानदार को देने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह टोक देता है, "भाई साहब, नोट खराब है या फटा है, दूसरा दे दीजिए।" अब आपको क्या करना चाहिए पता नहीं है।

आपको बैंक जाना चाहिए। आप इस रास्ते पर जाने से डरते हैं कि बैंक आपको कोई जुर्माना न लगा दे या बैंक के सवाल का जवाब न दे। कहीं देश की मुद्रा को नुकसान पहुंचाना अपराध न नजर आए..। आपके मन में कई प्रश्न उठते हैं और कोई उत्तर नहीं मिलता। बैंक आपको मना नहीं कर सकता। आपको बैंक को नोट बदलकर देना होगा। 

आप अपने नजदीक के किसी बैंक में जाकर नोट बदलने के लिए कह सकते हैं, जो बहुत आसान है। ऐसे नियम आरबीआई ने बनाए हैं। याद रखें कि रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर में कहा था कि अगर बैंक खराब नोटों को बदलने से इनकार करते हैं, तो उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है। बैंकों की शाखा पर भी ये नियम लागू होते हैं। 2009 भारतीय रिज़र्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली बाकायदा कानून है। रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर भी इसका पता लगाया गया है। इस कानून में हर पहलू पर विस्तार से विचार किया गया है।

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"रिज़र्व बैंक अपने सभी निर्गम कार्यालयों तथा वाणिज्य बैंकों की मुद्रा तिजोरी शाखाओं में कटे-फटे और विरूपित नोटों को बदलने की सुविधा जनता को प्रदान करता है", प्रस्ताव में कहा गया है। इन नियमों में व्यापक स्तर पर संशोधन किया गया है, ताकि नोट वापसी नियमावली को समझने और इसका उपयोग करना आसान हो। यह भी निर्णय लिया गया है कि नामित शाखा का कोई भी अधिकारी संबंधित शाखा में प्रस्तुत कटे-फटे नोटों को पुनर्विचार कर सकता है। निर्दिष्ट अधिकारी और विरूपित नोटों के प्रस्तुतकर्ता दोनों को संशोधित नियमावली को समझने में आसानी होगी और इसे निष्पक्ष रूप से लागू करने में आसानी होगी, क्योंकि नियमों में उदारीकरण और सरलीकरण है।"

इसमें कहा गया है कि गंदे नोटों के विनियम (बदलने) की सुविधा सभी बैंकों की सभी शाखाओं में उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन कटे-फटे नोटों के विनियम की सुविधा सभी निविदाकारों (सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) में उपलब्ध होनी चाहिए, चाहे उनका खाता उस बैंक में है या नहीं है। पूरी बैंकिंग प्रणाली की जनता के प्रति यह दायित्व है।

यह कहना अनावश्यक है कि भारतीय रिज़र्व बैंक नोट वापसी नियमावली के सरलीकरण और विस्तार का उद्देश्य आम जनता को उनके खोए हुए नोटों को आसानी से बदलने में मदद करना है। नामित बैंक शाखाओं को सक्रिय रूप से काम करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह सेवा आम जनता के लिए उपलब्ध है और किसी भी वर्ग द्वारा इसका दुरुपयोग नहीं किया जाता।

इस पुस्तिका में आरबीआई की नियमावली है, जो योजना के अंतर्गत लागू होने वाले नियमों और क्रियाओं को शामिल करती है। महत्वपूर्ण नियमों को शीघ्र और आसानी से समझने के लिए बदल दिया गया है। इस पुस्तिका में शाखाओं द्वारा कटे-फटे नोट स्वीकार करने, अधिनिर्णय करने और भुगतान करने के लिए अपनाया गया है।