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OPS Scheme : कर्मचारियो को लगेगा इस साल का सबसे बड़ा झटका, OPS स्कीम बन करेगी सरकार

OPS: ये खबर आपके लिए है अगर आप एक कर्मचारी हैं। आपको बता दें कि केंद्र सरकार एनपीएस में सुधार या 'पुरानी पेंशन' की बहाली पर बहुत जल्द निर्णय ले सकती है। यही कारण है कि इस विषय पर केंद्र सरकार की नवीनतम जानकारी नीचे खबर में दी गई है..।

 
OPS Scheme : कर्मचारियो को लगेगा इस साल का सबसे बड़ा झटका, OPS स्कीम बन करेगी सरकार 

केंद्र सरकार बहुत जल्द इस विषय पर अंतिम निर्णय ले सकती है, चाहे वह देश में 'पुरानी पेंशन' की पुनर्स्थापना हो या एनपीएस में सुधार हो। इसके बावजूद, सरकारी कर्मचारियों को 'ओपीएस' पर अधिक ध्यान देना होगा। कर्मचारी संघों को डर है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा बहाल की गई 'पुरानी पेंशन' योजना फिर से लागू हो जाएगी।

कारण यह है कि भाजपा ने इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है। केंद्र सरकार, ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि इस मामले पर जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

रेलवे और सिविल रक्षा क्षेत्र में स्ट्राइक बैलेट हो गया है। देश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि तय करने के लिए अब एक बैठक होगी। OPS को किसी राज्य में खत्म करने का व्यापक विरोध होगा। एसबी यादव, कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव, कहते हैं कि पीएफआरडीए एक्ट को समाप्त करना या उसमें बदलाव करना हमारी प्रमुख मांग है। OPS की पुनर्स्थापना इसके बिना संभव नहीं है। हमारा कन्फेडरेशन निश्चित रूप से विरोध प्रकट करेगा अगर किसी राज्य में ओपीएस खत्म होता है।

ज्वाइंट फोरम की बैठक में निर्णय लिया जाएगा-

शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकारी और केंद्रीय कर्मचारी ओपीएस पर लगातार बोल रहे हैं। रामलीला मैदान में कर्मचारी संगठनों ने रैलियां की हैं। सरकार ने कई प्लेटफॉर्म पर ओपीएस की मांग उठाई है। हमने सरकार को स्पष्ट रूप से बताया है कि कर्मचारियों को ओपीएस के अतिरिक्त कोई अनुमति नहीं है। सरकार को एनपीएस को समाप्त करना होगा और गारंटीकृत पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से शुरू करना होगा। भारत सरकार बहुत जल्द इस मुद्दे पर कोई निर्णय ले सकती है। ओपीएस राजनीति नहीं है। केंद्रीय या राज्य सरकार चाहे जो हो, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

रेलवे के 11 लाख कर्मचारियों में से 96 प्रतिशत ओपीएस लागू नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। इसके अलावा, चार लाख से अधिक सिविल रक्षा कर्मियों में से 97 फीसदी हड़ताल पर हैं। निष्पक्ष स्ट्राइक बैलेट हुआ है। बिना किसी दबाव के कर्मचारियों ने अपना मत दिया है। अब जल्द ही 15 दिसंबर को ज्वाइंट फोरम की बैठक नई दिल्ली में बुलाई जाएगी। उसमें सभी संगठनों से चर्चा करके अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला होगा। केंद्रीय संस्थाओं और राज्यों के 36 संगठन ज्वाइंट फोरम में हैं।

PFRDA में बदलाव के बिना OPS संभव नहीं

एसबी यादव, कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव, ने कहा कि राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने पर बहस चल रही है। केंद्र सरकार ने गैर-भाजपा शासित राज्यों को उनके कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था में वापस लाने से मना कर दिया. इन राज्यों ने अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था में वापस लाने की घोषणा की थी। केंद्रीय सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह धन 'पेंशन फंड एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी' (PFRDA) के पास है। केंद्रीय बजट में जमा यह धन राज्यों को नई पेंशन योजना (NPS) में नहीं मिल सकता।

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वह धन केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो इसका योगदान करते हैं। यादव ने कहा कि ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एंप्लाइज फेडरेशन सहित करीब 50 कर्मचारी संगठनों ने तीन नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में भाग लिया था। उस रैली में बहुत सी मांगें उठाई गईं। पीएफआरडीए एक्ट में संशोधन करना या उसे पूरी तरह खत्म करना भी शामिल था; निजीकरण पर रोक; आठवें वेतन आयोग का गठन; कोरोना काल में रोके गए 18 महीने के डीए एरियर को फिर से शुरू करना; और केंद्र सरकार में रिक्त पदों को नियमित भर्ती के जरिए भरना। विभिन्न राज्यों में ओपीएस को लागू करना मुश्किल ही रहेगा जब तक इस अधिनियम को खत्म नहीं किया जाता।

जंतर मंतर पर 'पेंशन जयघोष महारैली' का आयोजन

ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल ने कहा कि 10 दिसंबर को जंतर मंतर पर 'पेंशन जयघोष महारैली' होगी, जो 'नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत' का हिस्सा है। उस रैली में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी अगर केंद्र सरकार इसके बाद भी पुरानी पेंशन को बहाल नहीं करती है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि किसी भी राज्य में ओपीएस को वापस लेने पर विरोध प्रदर्शन होगा।

कर्मचारी संघों का मानना है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ओपीएस योजना को समाप्त कर दिया जाएगा। ऐसा होने पर उसके खिलाफ व्यापक प्रदर्शन होगा। पुरानी पेंशन देश भर में लागू कराने के लिए हमारा संगठन संघर्षरत है। 10 दिसंबर को सरकारी कर्मचारियों की ओपीएस की मांग को लेकर पटना में एक बड़ी रैली होगी। पुरानी पेंशन को फिर से शुरू करने के लिए केंद्रीय सरकार को सहमत होना चाहिए। NPS स्कीम में शामिल कर्मचारियों को 18 साल बाद रिटायर होने पर दो-चार हजार रुपये की मासिक पेंशन मिलती है।


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