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RBI Guideliness : Credit Card को लेकर RBI ने लागू किए नए नियम, कुछ भी लेने से पहले जानें ये अपडेट

स्मॉल पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए महत्वपूर्ण सुधार आया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने वालों पर कड़ी निगरानी रखता है। वहीं, "नो कॉस्ट EMI" या "बाय नाउ पे लेटर" जैसे शॉपिंग विकल्पों को बंद कर सकते हैं। नीचे खबर में विस्तार से पढ़ें..।

 
RBI Guideliness : Credit Card को लेकर RBI ने लागू किए नए नियम, कुछ भी लेने से पहले जानें ये अपडेट

"No Cost EMI" और "Buy Now Pay Later" जैसे छोटे लोन के विकल्प मार्केट में आए हैं। लोगों को Apple iPhone से लेकर छोटी-बड़ी कई प्रकार की वस्तुओं की खरीद करना आसान हो गया है। लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक इस तरह के छोटे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड का उपयोग से दूर है। बैंकों के लिए भी कड़े नियम बनाए गए हैं। क्या "नो कॉस्ट ईएमआई" या "बाय नाउ पे लेटर" जल्द ही शॉपिंग में उपलब्ध हो जाएगा?

स्मॉल लोन देश भर में "चॉकलेट" की तरह बंट रहे हैं। साथ ही, अधिकांश लोन 10 हजार रुपए से भी कम की राशि के हैं। साथ ही, बैंकों ने कॉम्प्टीशन में काफी बढ़-चढ़ कर लोगों को ये लोन दे रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इन बैंकों के व्यापार को बहुत जोखिम भरा बताया है और कई बार चेतावनी भी दी है। अब केंद्रीय बैंक खुद कड़ी कार्रवाई कर रहा है।

बैंको रिस्क मैनेजमेंट में सुधार करना चाहिए

ये छोटे लोन एनपीए में नहीं बदलें। यही कारण है कि अब भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को उनके बेहतर रिस्क मैनेजमेंट के लिए दिशानिर्देश दिए हैं। आरबीआई ने कहा कि बैंकों को इस तरह के लोन्स से जुड़े रिस्क के लिए पहले से अधिक धन अलग से अपनी बैलेंसशीट में रखना होगा। अब यानी बैंकों को इस तरह के लोन के लिए भी एनपीए के लिए अलग से धन जुटाना होगा।

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सिर्फ इतना ही पर्याप्त नहीं होगा। बैंकों को इस तरह के लोन से बढ़ने वाले जोखिम को कम करने के लिए एक बोर्ड की निगरानी वाली प्रणाली भी बनानी होगी। गुरुवार को ही रिस्क वेटेज को आरबीआई ने बैंकों, क्रेडिट कार्ड कंपनियों और गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए बढ़ा दिया है।

इन आंकड़ों ने RBI को चिंतित कर दिया

यह सभी लोन अनसिक्योर्ड हैं, इसलिए आरबीआई को इससे देश की बैंकिंग व्यवस्था में रिस्क बढ़ने का डर है, हालांकि ये लोन छोटे हैं। अर्थात्, लोग इन लोन के बदले में कोई संपत्ति नहीं रखते। अनसिक्योर्ड लोन के आंकड़ों ने भी आरबीआई को चिंतित कर दिया है। देश में अनसिक्योर्ड लोन लेने की औसत ग्रोथ 23 प्रतिशत है, जबकि क्रेडिट लेने की औसत ग्रोथ 12–14 प्रतिशत है।

No Cost EMI क्या बंद हो जाएगा?

केंद्रीय बैंक की इस कार्रवाई से बैंकिंग और फाइनेंस क्षेत्र सीधे प्रभावित होगा। बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को इस तरह के लोन देना महंगा हो जाएगा, इसलिए वे इसे देने से बचने की कोशिश करेंगी। वहीं, वह शायद क्रेडिट कार्ड या ईएमआई पर अधिक ब्याज लेना शुरू कर दें। हालाँकि, आरबीआई की ये शर्तें घर, शिक्षा, व्हीकल और गोल्ड लोन जैसे विषयों पर लागू नहीं होंगी।
 

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